इस वजह से महिलाओं में बढ़ रहीं मानसिक समस्याएं, इन बीमारियों का हो रहीं शिकार

इस वजह से महिलाओं में बढ़ रहीं मानसिक समस्याएं, इन बीमारियों का हो रहीं शिकार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-29 06:20 GMT
इस वजह से महिलाओं में बढ़ रहीं मानसिक समस्याएं, इन बीमारियों का हो रहीं शिकार

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। बलात्कार और यौन हिंसा की बढ़ती घटनाओं के कारण महिलाओं में डिप्रेशन, एंग्जाइटी और पोस्ट ट्रामेटिक स्ट्रेस डिसआर्डर जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं। यहां तक कि आत्महत्या की प्रवृत्ति जैसी मानसिक समस्याएं बढ़ रही हैं। मनोचिकित्सकों के अनुसार पिछले कुछ समय के दौरान मनोचिकित्सकों के पास इलाज के लिए आने वाली उन महिलाओं की संख्या में 30 से 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है,​ जिन्हें अतीत में कभी बलात्कार, यौन हिंसा या यौन दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है।

विशेषज्ञों के अनुसार जिन महिलाओं के साथ यौन दुर्व्यवहार हुआ है, उनमें रक्त चाप, हृदय रोग, अनिद्रा, डिप्रेशन और एंग्जाइटी होने का खतरा दो से तीन गुणा बढ़ जाता है।

महिलाओं के साथ घर या बाहर होने वाले यौन दुर्व्यवहार एवं यौन हिंसा महिलाओं में डिप्रेशन एवं एंग्जाइटी जैसी मानसिक बीमारियों का मुख्य जोखिम कारक है। इस समस्या की रोकथाम के लिए महिलाओं की सुरक्षा में सुधार, शिक्षा एवं जागरूकता, त्वरित न्याय प्रक्रिया एवं महिला अनुकूल सामाजिक वातावरण जरूरी है।

महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर विचार करते समय हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध का गहरा मानसिक प्रभाव पड़ता है। यौन हिंसा एवं अपराध की शिकार महिलाओं का मनोचिकित्सकीय मदद अवश्य मिलनी चाहिए। अन्यथा इसके कारण उनमें ताउम्र के लिए मानसिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

डॉक्टर्स का कहना है कि यह भी देखा गया है कि जो महिलाएं इलाज के लिए आती हैं, उनमें पुरुषों की तुलना में बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं, लेकिन कम महिलाएं ही मानसिक समस्याओं के उपचार के लिए सामने आती हैं।

एक्सर्प के अनुसार महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य पुरुषों से अलग होता है और वे पुरुषों की तुलना में सिजोफ्रेनिया और बाई पोलर डिसआर्डर से अधिक पीड़ित होती हैं। आज महिलाओं में मादक द्रव्यों का भी प्रयोग बढ़ रहा है। महिलाओं को हार्मोन समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। इसके अलावा उनके साथ घर एवं दफ्तर में यौन दुर्व्यवहार एवं यौन हिंसा होने का खतरा अधिक रहता है। इसके कारण आज महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को अधिक महत्व दिए जाने की जरूरत है।

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