Disease: छोटा सा मच्छर हो सकता है जानलेवा, इन बीमारियों के हो सकते हैं शिकार
Disease: छोटा सा मच्छर हो सकता है जानलेवा, इन बीमारियों के हो सकते हैं शिकार
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। आपने देखा होगा कि हर साल न जाने कितने लोग डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। यह बीमारियों हर साल न जाने कितने लोगों की मौत का कारण बनती है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि यह सभी बीमारियां मच्छर की वजह से होती है। एक छोटा सा मच्छर हर साल न जाने कितनी ही जान ले लेता है। यही कारण है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा मच्छर को घातक बताया गया है। मच्छर, मनुष्यों को नुकसान न पहुंचा सकें, इसके लिए जरुरी है कि हम कुछ प्रभावी तरीके ढूढ़ें। ताकि मच्छरों से होने वाली बीमारी को कम किया जा सके।
यह आपने देखा ही होगा कि जिस क्षेत्र में ज्यादा मच्छर होते हैं, वहां सक्रमण होने की संभावना भी ज्यादा होती है। ऐसे में जरुरी है कि आपने आस पास के क्षेत्र को साफ रखा जाए ताकि वहां मच्छर न पनप पांए। वहीं आपको रात को सोते समय मच्छरदानी और मच्छर से बचाने वाली क्रीम का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि जहां मच्छर ज्यादा होते हैं, वहां बीमारियां भी ज्यादा होती हैं। आइए जानते हैं, मच्छरों से होने वाली बीमारियों के बारे में।
मलेरिया
बुखार, सतर्कता कम होना, सांस की तकलीफ, एनीमिया के लक्षण दिखाई दे तो आप समझ जाएं कि आपको मलेरिया है। यह प्लाजमोडियम के कारण होता है और मादा एनोफिलीज मच्छर द्वारा फैलता है।
डेंगू
बारिश के मौसम में मच्छर बढ़ने से सबसे ज्यादा फैलने वाली बीमारी डेंगू ही है। यह एडीज मच्छरों से फैलता है। इस बीमारी के लक्षण मांसपेशियों में दर्द, तेज बुखार, तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द आदि हैं।
चिकनगुनिया
यह एक वायरल बीमारी है जो तेज बुखार, चकत्ते, मतली, थकान आदि जैसे लक्ष्ण दिखने पर आप इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं।
जीका वायरस
यह एक वायरल संक्रमण है जो मूल रूप से दुनिया के उष्णकटिबंधीय (Tropical) और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों (subtropical regions) में होता है।
पीला बुखार
बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीलिया, मतली, थकान, उल्टी आदि जैसे लक्षण दिखाई दें तो आप समझ जाएं कि आपको पीला बुखार है। यह एक तीव्र वायरल बीमारी है।