प्रधानमंत्री मोदी की दीपावली को लेकर की गई अपील का वायरल पत्र है फर्जी है, पीएम कर चुका है खंडन
फैक्ट चैक प्रधानमंत्री मोदी की दीपावली को लेकर की गई अपील का वायरल पत्र है फर्जी है, पीएम कर चुका है खंडन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारत के सबसे बड़े त्यौहारों में से एक दीपावली आने में कुछ ही समय शेष बचा है। इस बीच एक मैसेज सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल मैसेज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से एक पत्र है। इस पत्र में पीएम की तरफ से भारतीय नागरिकों से एक अपील की गई है। यह अपील दीपावली में केवल भारत में निर्मित हुई चीजों को खरीदने को लेकर है। यह पत्र पिछले कई सालों से दीपावली के कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर वायरल होने लगता है।
क्या लिखा है वायरल पत्र में?
वायरल पत्र में लिखा है, "मेरे प्यारे भारत वासियों, आप सब इस बार इतना करें कि आने वाले दीपावली पर्व पर अपने घरों में रोशनी सजावट, मिठाई इन सब में केवल भारत में बनी सामग्री का प्रयोग करें. आशा करता हूं आप इस प्रधान सेवक की बात को जरूर मानेंगे। आप छोटे-छोटे कदमों से अगर मेरा साथ दो तो मैं आप से वादा करता हूं हमारे भारत को दुनिया की सबसे आगे वाली पंक्ति में प्रथम स्थान पर खड़ा पाओगे।" पत्र में पीएम के हस्ताक्षर भी दिख रहे हैं।
वायरल पत्र को यूजर्स सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा " एक संदेश माo प्रधानमंत्री जी की तरफ से देशवासियो के लिए. जय हिन्द। एक और यूजर ने लिखा, आपको यह संदेश 3 लोगों को भोजना चाहिए..पूरा देश जुड़ जाएगा।
पड़ताल - हमने वायरल पत्र के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए इसका फैक्ट चैक किया। सबसे पहले हमने पीएम का ऑफिशियल ट्विटर हैंडल चैक किया। यहां हमें वायरल पत्र के बारे में एक ट्वीट मिला।
— PMO India (@PMOIndia) August 31, 2016
31 अगस्त 2016 में किए गए इस ट्वीट में वायरल पत्र के जैसे ही एक फोटो लगी है। साथ में लिखा है कि पीएम के हस्ताक्षर के साथ शेयर हो रहा ये पत्र फर्जी है। ऐसा कोई भी पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी नहीं किया गया।
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) September 27, 2016
वायरल पत्र को 2016 में बीजेपी की नेता किरण बेदी ने भी शेयर किया था। इसके बाद जब इसकी असलियत पता लगी तो उन्होंने इसको शेयर करने के लिए खेद प्रकट किया था।
इस तरह हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह पत्र फर्जी है। पत्र का खंडन खुद प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से किया गया था। दरअसल, पीएम मोदी के हस्ताक्षर इंटरनेट पर मौजूद हैं जिनकों स्कैन करके लोग इस तरह के फर्जी पोस्ट बना देते हैं।