कृषि कानून के समर्थन में टमाटर फेंक रहे किसानों का वीडियो है फर्जी
फर्जी खबर कृषि कानून के समर्थन में टमाटर फेंक रहे किसानों का वीडियो है फर्जी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, इस वीडियो में कुछ किसान टमाटर फेंकते नजर आ रहे हैं। ट्वीटर पर @Dnyanesh_Backed नाम के एक यूजर ने टमाटर फेंकने का वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “दक्षिण भारत में टमाटर का सही मूल्य दलाल लोग किसानों को नही दे रहे हैं,, 75 पैसे प्रति किलो दे रहे हैं। इसलिए किसान लोग टमाटर सड़कों के किनारे फेंक रहे है,, उत्तर भारत मे किल्लत मची है दलालों के कारण,, मोदी जी का किसान कानून का महत्व अब सबको समझ आएगा।” शेयर किए गए ट्वीट से पता चलता है कि वीडियो मलयालम न्यूज़ चैनल एशियानेट न्यूज़ ने अपलोड किया था।
दक्षिण भारत में टमाटर का सही मूल्य दलाल लोग किसानों को नही दे रहे हैं,, 75 पैसे प्रति किलो दे रहे हैं। इसलिए किसान लोग टमाटर सड़कों के किनारे फेक रहे है,, उत्तर भारत मे किल्लत मची है दलालों के कारण,, मोदी जी का किसान कानून का महत्व अब सबको समझ आएगा।। pic.twitter.com/tVv0sTyxV9
— SeaShore (@Dnyanesh_Backed) December 1, 2021
क्या है वीडियो का सच?
इस वीडियो के फ्रेम को गूगल पर की-वर्ड्स सर्च करने से हमें कुछ मीडिया रिपोर्टस देखने को मिले, हमें एक वीडियो देखने को मिला जो 15 मई को अपलोड किया गया था। इस वीडियो को एशियानेट न्यूज़ ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था। वहीं इस खबर में बताया गया था कि कैसे लॉकडाउन की वजह से किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, लॉकडाउन की वजह से किसान टमाटर को बाजार में बेच नहीं पा रहे थें, जिसकी वजह से परेशान होकर उन्होंने सारे टमाटरों को फेंक दिए।
आगे और सर्च करने पर हमें 22 मई की द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा पब्लिश की गई एक खबर देखने को मिली जिस में बचताया गया हा कि, “देश में थोक सब्जी मंडियों के कामकाज में कामकाज की कमी, विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन में परिवर्तनशीलता के कारण और खुदरा दुकानों, होटलों, छात्रावासों और मैरिज हॉल के बंद होने के कारण, बड़ी मात्रा में टमाटर बिना बिके रह गए हैं। कोलार एपीएमसी बाजार, जो एशिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर बाजार है।
इन सब रिपोरट से यह बात साफ हो जाती है कि वायरल वीडियो अभी का नहीं लेकिन मई का है, इस वीडियो को लोग गलत दावे के साथ शेयर कर रहें, इसका कृषि कानूनों से कोई लेना देना नहीं हैं।