लखनऊ में तांगेवालों ने नहीं लगाए पाकिस्तान के झंडे, इस्लामिक प्रतीक को बताया गया पाकिस्तानी झंडा
Fake news लखनऊ में तांगेवालों ने नहीं लगाए पाकिस्तान के झंडे, इस्लामिक प्रतीक को बताया गया पाकिस्तानी झंडा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर कई सारी खबरें आपसी झगड़े और समाज में कोतुहल का कारण बन जाते हैं। कारण यह कि कई बार लोग बिना उस मैसेज या वीडियो की सच्चाई का पता लगाए ही उसे पोस्ट और शेयर करते हैं। ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
इस पोस्ट के साथ ही दावा किया गया है कि लखनऊ के दो तांगेवालों ने अपने तांगे पर पाकिस्तान का झंडा पेंट करा रखा है और उन्हें इस विषय में कोई जानकारी नहीं है। क्या है इस वीडियो की सच्चाई, आइए जानते हैं...
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क्या है मामला?
न्यूज़रूम पोस्ट नाम के ट्वीटर पेज ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा “लखनऊ में एक तांगे पर पाकिस्तान जैसे झंडे का वीडियो वायरल, पाक मुर्दाबाद के नारे पर छिड़ गई बहस” इसके साथ ही वीडियो बनाने वाला व्यक्ति बता रहा है कि नूर आलम और वसीर पिछले 20 सालों से तांगा चला रहे हैं और इन्होंने इस पर पाकिस्तान का झंडा पेंट किया हुआ है, पर इन्हें इस बात की खबर भी नहीं है की यह झंडा पाकिस्तान का है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि वह आदमी उन दोनों तांगे वालों से ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’, ‘भारत माता की जय’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगवाता है, उनके नारे लगाने के बाद भी वह उनसे दोहराने के लिए कहता है, इन सब को देखते हुए वसीर उस व्यक्ति से पूछ देता है की आखिर उनसे यह नारे क्यू लगवाए जा रहे हैं। आखिर में मामला यहां पहुंचता है कि तांगा वाले दोनों देशों की जय बोलेंगे।
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झंडे के पीछे का सच
हमने इस वीडियो को जब गूगल पर सर्च किया तो हमें 24 अगस्त का एक ट्विटर पोस्ट मिला जिसमें इस वीडियो को अपलोड किया गया था। क्रिएटली वेबसाइट ने भी इसे शेयर करते हुए यूपी और लखनऊ पुलिस को टैग किया है।
वहीं न्यूज़रूम पोस्ट के किए गए पोस्ट में एक आर्टिकल मिला जिसके दूसरे पैराग्राफ में बताया गया है कि यह तांगे पर पाकिस्तान का झंडा नहीं बल्की एक इस्लामिक प्रतीक प्रिंट किया गया है जिसे ‘कर्बला का प्रतीक’ बोला जाता है।