मिर्जापुर के विंध्यवासिनी मंदिर के पुरोहित की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ वायरल, गलत है सांप्रदायिक एंगल 

फर्जी खबर  मिर्जापुर के विंध्यवासिनी मंदिर के पुरोहित की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ वायरल, गलत है सांप्रदायिक एंगल 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-09 05:06 GMT
 मिर्जापुर के विंध्यवासिनी मंदिर के पुरोहित की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ वायरल, गलत है सांप्रदायिक एंगल 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  सोशल मीडिया पर एक पुरोहित की तस्वीर वायरल हो रही है, पुरोहित ने पीले रंग की धोती और गले में रुद्राक्ष की माला पहन रखी है, उसका पूरा शरीर खून से लथपथ दिखाई दे रहा है, दृश्य काफी भयानक है। सोशल मीडिया पर यूजर इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा कर रहे है की यह मिर्जापुर स्थित विंध्यवासिनी मंदिर की है जहां पुरोहित अमित पाण्डेय के उपर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने हमला कर दिया है।

तस्वीर को सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर शेयर करते हुए एक यूजर ने कैप्शन में लिखा है, “इस बक्त एक बड़ी खबर आ रही हे. बहुत ही दुःख की बात है, मिर्ज़ापुर के विंध्याचल मां के दरबार में पूजा करने वाले अमित पांडेय जी को जिहादियो ने जान से मारने की कोशिश कि।”

 

कब की है तस्वीर?
तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से पता चलता है कि यह इससे पहले भी शेयर की जा चुकी है। इस तस्वीर से जुड़े कई मीडिया रिपोर्टस भी हमें देखने को मिले। इस तस्वीर को जुलाई 2020 में कई लोगों ने शेयर किया था, ‘खबर भारती ’ नाम के एक मीडिया पोर्टल ने इस पर ट्वीट किया था जिसके कमेंट यूपी पुलिस ने मिर्जापुर पुलिस को टैग करते हुए लिखा, “कृपया संज्ञान में लेकर आवश्यक कार्यवाही करें।"

 


इन मीडिया रिपोर्ट से यह बात तो साफ है कि घटना अभी की नहीं है, यह एक साल से भी ज्यादा पुरानी घटना है। पुरोहित अमित के भाई सुमित पाण्डेय ने हाल ही में इस मामले पर एक मीडिया चैनल से हुई बातचीत में बताया है कि उनके भाई अमित पर मंदिर के ही पुरोहितों द्वारा हमला किया गया था। वहीं पुलिस ने इस ममले में कहा है कि अमित ने खुद ही अपने-आप को चोटील कर लिया था।

पहले भी कई विवादों में रहे हैं पुरोहित अमित पाण्डेय
पुरोहित अमित पाण्डेय के बारे में और पता करने पर मालूम चला कि यह पहली बार नहीं है जब उनका नाम विवादों में आया हो, इससे पहले भी उनकी कई लोगों से कहा सुनी और मारपीट हो चुकी है। इसके बारे में हमें ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट भी मिली। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि अमित ने पुलिसवालों पर जलते हुए दीये फेंक दिए थे। 

इन सब मीडिया रिपोर्ट से यह बात साफ हो जाती है कि तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा था, पुरोहित अमित पाण्डेय पर किसी अन्य समुदाय के लोगों ने हमला नहीं किया था। यह पुरोहितों के बीच हुई आपसी लड़ाई थी जिसे एक सांमप्रदायिक एंगल दिया जा रहा है।

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