Fake News: क्या इंदौर में वकीलों ने CAA के खिलाफ प्रदर्शन किया? फोटो वायरल
Fake News: क्या इंदौर में वकीलों ने CAA के खिलाफ प्रदर्शन किया? फोटो वायरल
डिजिटल डेस्क। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक भीड़ की तस्वीर काफी वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि इंदौर हाईकोर्ट के वकीलों ने नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स के खिलाफ प्रदर्शन की है। ट्विटर पर फोटो को कई लोगों ने शेयर किया है। पोस्ट पर लिखा है, अगर इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस किसी के खिलाफ एक्शन लेती है तो ये वकील उनका केस मुफ्त में लडेंगे।
Advocates of the High Court of Indore today supported the protest against caa, nrc running at Barwali outpost Indore.
— Ham Le Ke Rahenge...... Aazadi (@Anti__Modi) January 22, 2020
If any action is taken by the police during this protest, then these lawyers will fight the case for free.#अमित_शाह_चुनौती_स्वीकार_है#CAA_NRC_NPR_वापस_लो pic.twitter.com/SDtgWKWjhx
Advocates of the High Court of Indore today supported the protest against caa, nrc running at Barwali outpost Indore.
— Mahir Khan ماہیر خان (@iammahirkhan) January 22, 2020
If any action is taken by the police during this protest, then these lawyers will fight the case for free.#अमित_शाह_चुनौती_स्वीकार_है #CAA_NRC_NPR_वापस_लो pic.twitter.com/zJE5l3kjaQ
क्या है सच? भास्कर हिंदी टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर इंदौर की नहीं बल्कि बेंगलुरु में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन की है। पड़ताल में हमें पत्रकार रेवती राजीवन का एक ट्वीट मिला। उन्होंने 21 जनवरी 2020 को वायरल हो रही तस्वीर शेयर की और लिखा, बेंगलुरु के शिवाजीनगर में एनआरसी,एनपीआर और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन।
Protest against NRC, NPR, CAA in Shivajinagar, Bengaluru now pic.twitter.com/CH5RAdwGk5
— Revathi Rajeevan (@RevathiRajeevan) January 21, 2020
वहीं रेवती ने जिक्र भी किया है कि यह फोटो उन्होंने क्लिक की है।
Not aware of this protest by advocates but the picture is from Shivajinagar, Bengaluru, clicked by me. Had tweeted this on Tuesday.@ivivek_nambiarhttps://t.co/HooEZXieL1 https://t.co/faQNVxgKbY
— Revathi Rajeevan (@RevathiRajeevan) January 23, 2020
निष्कर्ष: यह साफ हैं कि बेंगलुरु में सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन की फोटो गलत दावे के साथ शेयर की जा रही है।