भारत-चीन बॉर्डर पर सड़क बनाने से रोकने के लिए NGO ने नहीं दायर की है अर्जी, फर्जी है यह तस्वीर
फर्जी खबर भारत-चीन बॉर्डर पर सड़क बनाने से रोकने के लिए NGO ने नहीं दायर की है अर्जी, फर्जी है यह तस्वीर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर लोगों द्वारा काफी शेयर की जा रही है, इस तस्वीर में कुछ लोग बैठे नजर आ रहे हैं, इनके पास कई पोस्टर और प्लेकार्ड दिखाई दे रहे हैं। इनके सामने रखे प्लेकार्ड में लिखा गया है, “इंडो-चाइना बॉर्डर पर कोई रोड नहीं”।
Wonder who funds these NGO’s and whether their mandates allow them to interfere with India’s security https://t.co/KxX2BFTRNt
— Arvind Gupta (@buzzindelhi) November 10, 2021
तस्वीर को शेयर करते हुए बताया जा रहा है कि एनजीओ “सिटीजन फॉर ग्रीन दून” ने कोर्ट में अर्जी दायर की है, जिसमें पर्यावरण का हवाला देते हुए कहा गया उत्तराखंड में भारत-चीन बॉर्डर पर सरकार को सड़क नहीं बनवाना चाहिए, एनजीओ के वकील द्वारा कहा गया कि युद्ध के समय सरकार हवाई रास्ते का इस्तेमाल कर सकती है।
क्रियेटली वेबसाइट के एक ट्वीट को शेयर करते हुए डिजिटल इंडिया फाउंडेशन के को-फाउंडर अरविंद गुप्ता ने लिखा “आश्चर्य है कि इन एनजीओ को कौन फंड करता है और क्या उनके जनादेश ने उन्हें भारत की सुरक्षा में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी है?” ट्वीटर हैंडल @MeghBulletin ने भी इसे शेयर करते हुए यही दावा किया है। सोशल मीडिया साइट फेसबुक और ट्वीटर दोनों पर ही यूजर इसी दावे के साथ इसे शेयर कर रहे हैं।
An alleged NGO "Citizens For Green Doon" through lawyers Coulin Gonzales Md Aftab have filed a petition in the SC urging it to stop the construction of roads on the Indo-China border in Uttarakhand citing the environment.
— MeghUpdates™ (@MeghBulletin) November 10, 2021
Says "Indian Forces can use air route in war" pic.twitter.com/4TuUvBwrjP
क्या है वायरल तस्वीर की सच्चाई?
तस्वीर को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिली, आगे और सर्च करने पर हमें एक फेसबुक ग्रुप ‘Citizens For Green Doon’ मिला। ग्रुप के कवर पर इस वायरल तस्वीर को साफ देखा सकता। तस्वीर को खोल कर देखने पर उसके प्लेकार्ड में ऐसी कोई भी चीज नहीं लिखी जिसका वायरल तस्वीर में दावा किया जा रहा है, बल्कि उसमें लिखा है ‘कम जॉइन CFGD’।
एडिट की गई है तस्वीर
एक फैक्ट चेक वेबसाइट से हाल ही में हुए बातचीत के दौरान NGO के वकील कॉलिन गोंज़ालेस ने कहा कि उन्होंने रास्ता ना बनाने के लिए कोई अर्जी नहीं दी है। लेकिन उन्होंने रास्ते की चौड़ाई 10 मीटर से कम करने की बात की है। ज्यादा चौड़े रास्तों की वजह से भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है।
इन सब रिपोर्ट से यह बात साफ हो जाती है कि वायरल तस्वीर को एडिट करके गलत दैवों के साथ शेयर किया जा रहा है।