क्या 500 रुपये का वह नोट जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास ना होकर गांधीजी की तस्वीर के पास होती है, नकली है? जाने वायरल मैसेज की सच्चाई
फैक्ट चैक क्या 500 रुपये का वह नोट जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास ना होकर गांधीजी की तस्वीर के पास होती है, नकली है? जाने वायरल मैसेज की सच्चाई
डिजिटल डेस्क, भोपाल। नोटबंदी के बाद जब से सरकार द्वारा 500 और 2000 के नए नोट जारी किए गए हैं, तब से ही सोशल मीडिया पर इन नोटों के असली-नकली होने से संबंधित कई मैसेज वायरल होते आए हैं। ऐसा ही एक मैसेज इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मैसेज को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि, 500 रुपए का वह नोट नकली है जिसमें हरी पट्टी आरबीआई के सिग्नेचर(दस्तखत) के पास न होकर गांधीजी की फोटो के पास है।
क्या है वायरल मैसेज में?
मैसेज में एक तस्वीर दी हुई है जिसमें 500-500 के दो नोट देखने को मिल रहे हैं। इसमें से एक नोट पर गांधी जी की तस्वीर के साइड में हरी पट्टी दी हुई है वहीं दूसरे नोट में हरी पट्टी गांधीजी की फोटो से थोड़ी दूर आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास है। दोनों नोट की तुलना करते हुए लिखा है, "500 रुपये की वो नोट मत लीजिए, जिनमें हरी पट्टी गांधीजी के नजदीक बनी है, क्योंकि ये नकली है। 500 की सिर्फ वही नोट लीजिए, जिनमें हरी पट्टी RBI गवर्नर के सिग्नेचर के पास है। इस मैसेज को अपने परिवार और दोस्तों तक पहुंचाएं।"
पीआईबी ने फैक्ट चैक कर मैसेज को बताया फर्जी
एक मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि ₹500 का वह नोट नकली है जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास ना होकर गांधीजी की तस्वीर के पास होती है।#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 29, 2022
यह दावा फ़र्ज़ी है।
@RBI के अनुसार दोनों ही तरह के नोट मान्य होते हैं।
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पीआईबी ने वायरल मैसेज का फैक्ट चैक किया। अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करते हुए पीआईबी ने बताया, एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसें दावा किया जा रहा है कि ‘500 रुपये का वह नोट नकली है जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास ना होकर गांधीजी के पास होती है।‘ यह दावा पूरी तरह से फर्जी है। आरबीआई के अनुसार दोनों ही तरह के नोट मान्य होते हैं।
इस तरह के मैसेजों पर न करें विश्वास
अगर आपको भी इस तरह के कोई मैसेज मिलें तो उन पर बिल्कुल भी विश्वास न करें। साथ ही इस तरह की कोई भी संदिग्ध जानकारी आपके पास आए तो उसे पीआईबी के व्हाटसएप नंबर 8799711259 या फिर ऑफिशियल वेबसाइट socialmedia@pib.gov.in पर साझा जरुर करें। इसके अलावा ऐसे किसी भी वायरल मैसेज की सच्चाई जानने के लिए उसे पीआईबी की ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर एक बार क्रॉस वैरिफाइड जरुर करें।