Fake News: बिहार में वोट मांगने गए नीतीश के काफिले पर जनता ने किया पथराव, जानें क्या है वायरल वीडियो का सच
Fake News: बिहार में वोट मांगने गए नीतीश के काफिले पर जनता ने किया पथराव, जानें क्या है वायरल वीडियो का सच
डिजिटल डेस्क। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में लोग गाड़ियों के एक काफिले पर हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि, 28 अक्टूबर से शुरु होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए जब जदयू प्रमुख नीतीश कुमार वोट मांगने जनता के बीच पहुंचे, तो लोगों ने उनके काफिले पर पथराव कर अपना गुस्सा निकाला।
किसने किया शेयर?
कई ट्विटर और फेसबुक यूजर ने भी वीडियो शेयर कर यही दावा किया है। एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, नीतीश कुमारजी आप इतना अच्छा काम करते ही क्यों हो। बिहार की जनता आपका न जाने कब से स्वागत करने के लिए खड़ी इंतज़ार कर रही थी...और जैसे ही स्वागत करने का समय आया आप जनता के बीच से भाग खड़े हुए। ऐसे कैसे चलेगा सुशासन बाबू।
क्या है सच?
भास्कर हिंदी की टीम ने पड़ताल में पाया कि, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। इंटरनेट पर सर्च करने पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली। जिससे पुष्टि होती हो कि, बिहार चुनाव में प्रचार के दौरान नीतीश कुमार के काफिले पर हमला हुआ है। वायरल वीडियो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने पर हमें ‘आज तक’ न्यूज चैनल के फेसबुक पेज पर भी यही वीडियो मिला। यह वीडियो 2 साल पहले अपलोड किया गया था। हालांकि, ये बात सच है कि जिस काफिले पर हमला हुआ वो नीतीश कुमार का ही था।
पड़ताल के दौरान हमें न्यूज एजेंसी ANI का एक ट्वीट भी मिला। जिससे पुष्टि होती है कि, नीतीश के काफिले पर हमले का मामला 2 साल पुराना है। इन सभी बातों से यह साफ होता है कि, वायरल वीडियो में भीड़ नीतीश कुमार के काफिले पर ही हमला कर रही, लेकिन यह घटना 2 साल पुरानी है। इसे हाल ही का बताकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
Attack on Bihar CM Nitish Kumar"s convoy matter: State govt forms an investigation team to investigate the case.Patna Zonal IG Nayyar Hasnain Khan and Patna Divisional Commssioner Anand Kishore also in the investigating team.
— ANI (@ANI) January 12, 2018
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। दरअसल, नीतीश के काफिले पर हमले का मामला 2 साल पुराना है। जिसे अभी का बताकर वायरल किया जा रहा है।