Fake News: जापान ने अपने सभी स्कूलों में रामायण पढ़ाना किया अनिवार्य, जानें क्या है वायरल दावे का सच
Fake News: जापान ने अपने सभी स्कूलों में रामायण पढ़ाना किया अनिवार्य, जानें क्या है वायरल दावे का सच
डिजिटल डेस्क। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि, जापान ने अपने सभी स्कूलों में रामायण पढ़ाना अनिवार्य कर दिया है। हाल ही में टोक्यो में आयोजित क्वाड सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी से मुलाकात कर भारत-जापान संबंधों पर चर्चा की थी। जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है।
किसने किया शेयर?
कई ट्विटर और फेसबुक यूजर ने पोस्ट कर यही दावा किया है। हरियाणा बीजेपी के आईटी व सोशल मीडिया हेड अरुण यादव ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर यह दावा करते हुए लिखा, जापान ने माना रामायण पढ़ने से बुरा इंसान भी अच्छा इंसान बन जाता है। जापान ने अपने सभी स्कूलों में रामायण पढ़ाना अनिवार्य किया।
जापान ने माना रामायण पढ़ने से बूरा इंसान भी अच्छा इंसान बन जाता है।
— Arun Yadav (@beingarun28) October 12, 2020
जापान ने अपने सभी स्कूलों में रामायण पढ़ाना अनिवार्य किया.
जय श्रीराम।
— Real Rajpoot( Team SCB) (@Real_Rajpoot3) October 12, 2020
जापान ने माना कि रामायण पढ़ने से बुरे इंसान भी अच्छे इंसान बन जाते हैं।
जापान ने अपने सभी स्कूलों में रामायण पढ़ाना अनिवार्य किया।
क्या है सच?
भास्कर हिंदी की टीम ने पड़ताल में पाया कि, सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है। हमें इंटरनेट पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली। जिससे पुष्टि होती हो कि, जापान ने अपने सभी स्कूलों में रामायण पढ़ाना अनिवार्य किया है। हमें जापान की सरकारी वेबसाइट्स पर ऐसी कोई सूचना नहीं मिली कि वहां के स्कूलों में रामायण पढ़ाना अनिवार्य किया जा रहा है। ‘द जापान टाइम्स’, ‘जापान टुडे’ और ‘टोक्यो शिम्बुन’ जैसे प्रमुख जापानी अखबारों की वेबसाइट्स में भी हमें इस तरह की कोई खबर नहीं मिली।
निष्कर्ष : सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा गलत है। जापान ने अपने स्कूलों में रामायण पढ़ाना अनिवार्य नहीं किया है।