Fake News: चार साल पुरानी तस्वीर गलवान घाटी में हुई भारत-चीन झड़प से जोड़कर की जा रही वायरल
Fake News: चार साल पुरानी तस्वीर गलवान घाटी में हुई भारत-चीन झड़प से जोड़कर की जा रही वायरल
डिजिटल डेस्क। सोशल मीडिया पर एक विचलित कर देने वाली तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में एक व्यक्ति की पीठ पर गहरे चोट के निशान देखे जा सकते हैं। इस तस्वीर को लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारत की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। इसके साथ यह दावा किया जा रहा है कि, यह भारतीय जवान भी उन्हीं में से एक है जिनकी झड़प चीनी सैनिकों से गलवान घाटी में हुई थी और इस दौरान वह घायल हुए थे।
किसने किया शेयर?
एक ट्विटर यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है- "शर्म आनी चाहिए नेरद्र मोदी को जो ये बोल रहा है की कोई हमारे देश की सीमा में नही धुसा है हमारे जवानों का ये हाल कर दिया उन चीनी कुत्तों ने किया मगर डर पोक मोदी चीन का नाम लेने से भी डर रहा है.....मोदी चीनी भाई भाई"। इस भ्रामक पोस्ट को फेसबुक पर भी शेयर किया जा रहा है.
शर्म आनी चाहिए नेरद्र मोदी को जो ये बोल रहा है की कोई हमारे देश की सीमा में नही धुसा है हमारे जवानों का ये हाल कर दिया उन चीनी कुत्तों ने किया मगर डर पोक मोदी चीन का नाम लेने से भी डर रहा है.....मोदी चीनी भाई भाई pic.twitter.com/gj7sPpgWVT
— सत्यशोधक .. (@julieilu143) June 20, 2020
क्या है सच?
भास्कर हिंदी टीम ने पड़ताल में पाया कि, वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है। हमने सर्च करने पर पाया कि, यह तस्वीर इंटरनेट पर साल 2016 से मौजूद है। इसका गलवान घाटी में हुई झड़प से कोई लेना-देना नहीं है। वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें कुछ वेबसाइटस और ब्लॉग मिले, जहां पर इस तस्वीर को 2016 में इस्तेमाल किया गया था। इस तस्वीर का उपयोग ज्यादातर थाई या मलय भाषा में लिखे गए आर्टिकल्स में किया गया है। यह आर्टिकल्स मिलिट्री के जवानों को दी जाने वाली कड़ी ट्रेनिंग के बारे में हैं।
यह कहना मुश्किल होगा कि वायरल तस्वीर कहां की है और इसके पीछे की कहानी क्या है, लेकिन यह बात साफ है कि तस्वीर कम से कम चार साल पुरानी है। इसका चीनी सैनिकों के साथ झड़प में चोटिल हुए भारतीय जवानों से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, यह बात सच है कि चीनी सैनिकों से हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं और तकरीबन 76 जवान जख्मी हुए हैं।
निष्कर्ष : वायरल फोटो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। दरअसल, यह फोटो इंटरनेट पर 2016 से मौजूद है। इस फोटो का लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प से कोई लेना देना नहीं है।