Fake News: कोरोनिल पर रोक लगाने वाले डॉक्टर को नौकरी से निकाला, जानें क्या है वायरल दावे का सच

Fake News: कोरोनिल पर रोक लगाने वाले डॉक्टर को नौकरी से निकाला, जानें क्या है वायरल दावे का सच

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-26 09:15 GMT
Fake News: कोरोनिल पर रोक लगाने वाले डॉक्टर को नौकरी से निकाला, जानें क्या है वायरल दावे का सच

डिजिटल डेस्क। पतंजिल ने 23 जून को कोरोना की दवा "कोरोनिल" लॉन्च की थी। इसके बाद आयुष मंत्रालय ने इस दवा के विज्ञापन पर तब तक के लिए रोक लगा दी है, जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि, बाबा रामदेव की यह दवा कोरोना के इलाज में कारगर है या नहीं। इसी बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि, पतंजलि की कोरोनिल दवा पर रोक लगाने वाले डॉक्टर मुजाहिद हुसैन को आयुष मंत्रालय ने नौकरी से निकाल दिया है। 

किसने किया शेयर?
कई ट्विटर यूजर ने यह दावा किया है कि, पतंजलि की कोरोनिल दवा पर रोक लगाने वाले डॉक्टर मुजाहिद को आयुष मंत्रालय ने नौकरी से निकाल दिया है। 

Full View

क्या है सच?
भास्कर हिंदी टीम ने पड़ताल में पाया कि, सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा गलत है। जिसे बड़ी संख्या में लोग सच मानकर शेयर कर रहे हैं। दरअसल, दावा कोरोनिल की दवा पर रोक लगाने से जुड़ा है। इस संबंध में हमें आयुष मंत्रालय द्वारा 23 जून को जारी किया गया बयान मिला। इससे पता चलता है कि, मंत्रालय ने कोरोनिल दवा पर नहीं बल्कि सिर्फ इसके विज्ञापन पर रोक लगाई है। इंटरनेट पर सर्च करने पर भी हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली। जिससे ये पुष्टि हो सके कि, कोरोनिल की दवा पर रोक लगाने वाले डॉक्टर को आयुष मंत्रालय ने नौकरी से निकाल दिया है। 

आयुष मंत्रालय ने अपने ट्विटर हैंडल पर 25 जून को खुद इस खबर का खंडन किया है। साथ ही ये साफ किया है कि, हाल के दिनों में मंत्रालय ने किसी डॉक्टर या मेडिकल ऑफिसर को नौकरी से नहीं निकाला है। मंत्रालय ने ट्विटर हैंडल पर अफवाह का एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है।

निष्कर्ष : सोशल मीडिया पर वायरल दावा सरासर गलत है। पतंजलि की कोरोनिल दवा पर न ही रोक लगाई गई है और न ही आयुष मंत्रालय ने डॉक्टर मुजाहिद हुसैन को नौकरी से निकाला है। मंत्रालय ने सिर्फ कोरोनिल के विज्ञापन पर रोक लगाई है। 

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