Fake News: बिहार में नफरत फैलाने को लेकर लोगों ने बीजेपी नेता को पीटा, जानें क्या है वायरल वीडियो का सच

Fake News: बिहार में नफरत फैलाने को लेकर लोगों ने बीजेपी नेता को पीटा, जानें क्या है वायरल वीडियो का सच

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-11 07:26 GMT
Fake News: बिहार में नफरत फैलाने को लेकर लोगों ने बीजेपी नेता को पीटा, जानें क्या है वायरल वीडियो का सच

डिजिटल डेस्क। बिहार चुनाव के नतीजों के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है। वायरल वीडियो में सड़क पर भीड़ एक आदमी को जमकर पीटते हुए दिखाई दे रही है। इस वायरल वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि बिहार में वोटिंग से पहले बीजेपी के नेता हिंदू-मुस्लिम में नफरत फैला रहे थे, जिससे नाराज होकर लोगों ने उनकी पिटाई की। 

किसने किया शेयर?
कई ट्विटर और फेसबुक यूजर ने भी यही दावा किया है। वायरल वीडियो में न्यूज़18 चैनल का लोगो भी दिखाई दे रहा है। वीडियो में एक "BREAKING NEWS" प्लेट भी है जिस पर लिखा है, "BJP नेता नफरत फैलाने आये, और हिन्दू भाइयों ने ही उनको सबक सिखाया।" एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा- "#बिहार में कल वोटिंग से ठीक पहले #हिन्दू -मुस्लिम की नफ़रत फैला रहे #भाजपा नेताओं और #कार्यकर्ताओं की (हिन्दू और मुस्लिम भाईयों ने मिलकर जूता से पीटा"। वीडियो को बिहार चुनाव से जोड़ते हुए फेसबुक पर खूब शेयर किया जा रहा है। 

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क्या है सच?
भास्कर हिंदी की टीम ने पड़ताल में पाया कि, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। ये वीडियो पश्चिम बंगाल का है और अभी खत्म हुए बिहार चुनाव के काफी पहले से इंटरनेट पर मौजूद है। वायरल वीडियो के एक की-फ्रेम को इन-विड टूल की मदद से खोजने पर हमें पता चला कि ये वीडियो बिहार चुनाव के पहले से इंटरनेट पर मौजूद है। हमें वीडियो का लंबा वर्जन भी यूट्यूब पर मिला जिसे एक यूजर ने अप्रैल 2018 में अपलोड किया था। यूट्यूब वीडियो में भीड़ कुछ और लोगों को भी पीटते हुए दिख रही है। 

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इस वीडियो के आखिर में "न्यूज18 बांग्ला" का लोगो देखा जा सकता है। गौर करने वाली बात है कि यूट्यूब वीडियो में लोगों को बांग्ला बोलते हुए सुना जा सकता है और एक गाड़ी पर पश्चिम बंगाल का नंबर भी दिख रहा है। इन सब बातों से ये कहा जा सकता है कि वायरल वीडियो संभवतः पश्चिम बंगाल का है। वीडियो में भीड़ आदमी की पिटाई क्यों कर रही है, इस बारे हमें पुख्ता जानकारी नहीं मिली। लेकिन ये स्पष्ट है कि वीडियो दो साल से ज्यादा पुराना है और इसका बिहार चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। 

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। दअरसल वीडियो 2 साल पुराना है और इसका बिहार चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। 

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