बीजेपी यूपी चुनाव से पहले वोट के बदले बांट रही है नोट? फर्जी है यह दावा
फर्जी खबर बीजेपी यूपी चुनाव से पहले वोट के बदले बांट रही है नोट? फर्जी है यह दावा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूपी में फरवरी महीने से चुनाव होने वाले हैं, सभी पार्टियों ने अपनी ओर से पूरी तैयारी कर ली है। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक वीडिया काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा जा रहा है। इसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कुछ लोग एक सफेद लिफाफे को खोलते है जिसके उपर बीजेपी का चुनाव चिन्ह दिखाई देता है, वहीं उसके अंदर से 2000 रुपये के नोट निकते हैं।
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "ध्यान से देखिए यूपी मे पैसा बटना शुरू हो गया है"। बता दें कि ऐसा एक और वीडियो लोग सोशल मीडिया इसी कैप्शन के साथ शेयर कर रहें हैं, जिसमें से 500 रुपये के नोट निकलते हैं।
ध्यान से देखिए यूपी मे पैसा बटना शुरू हो गया है pic.twitter.com/w571Zsk3zt
— Khushnuma khan (@Khushi9595) December 14, 2021
कहां का है वायरल वीडियो
वीडियो के फ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें ऐसा ही एक वीडियो देखने को मिला। इस वीडियो में एक महिला सफेद लिफाफे से 2000 रपये के नोट निकालती है, इस लिफाफे के उपर बीजेपी का चुनाव चिन्ह साफ देखा जा सकता है।
आगे और पता करने पर मालूम चला कि इस वीडियो को 30 अकिटूबर 2021 में एक यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता ने शेयर था, उसने इसके साथ बताया था कि तेलंगाना की हुजूराबाद में होने उपचुनाव के दौरान बीजेपी द्वारा वोटरों को 10000 रुपये बांटे गए थे। जब यह वीडियो सामने आया था तब अस पर कई खबरें भी आई थी, वायरल वीडियो में जो शख्स बीजेपी चिन्ह के साथ नजर आ रहा है वो हुजूराबाद विधानसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार एटाला राजेन्द्र की तस्वीर है।
How Democracy at sale in #Huzurabad ? @JPNadda sending crores which they earn from Corrupt Sangi Sarkar and @ECISVEEP just watches the money distribution. ECI must show some courage they must countermand the election will they ? #MoneyDistribution pic.twitter.com/CRX0NpAqIz
— Manickam Tagore .Bமாணிக்கம் தாகூர்.ப (@manickamtagore) October 28, 2021
इस घटना के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग से बीजेपी के खिलाफ शिकायत भी की थी। साफाई में बीजेपी ने कहा था कि यह खबरें फर्जी हैं, और इसका इस्तेमाल पार्टी के छवि को बिगाड़ने के लिया जा रहा है। हांलकि इन सब बातों से यह साफ नहीं हो पाया की वायरल वीडियो के पीछे की असली कहानी क्या है, लेकिन यह बात स्पष्ट है कि यह घटना हाल की नहीं 3 महीने पुरानी है, जिसका यूपी के चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।