शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज ने 15 छात्रों को 4 महीने के लिए निष्कासित किया
- दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस स्थित हिंदू कॉलेज ने 15 छात्रों को अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित किया है
- अनुशासनहीनता के मामले में तीन अन्य छात्रों के खिलाफ शिकायत पर अभी कार्रवाई चल रही है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस स्थित हिंदू कॉलेज ने 15 छात्रों को अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित किया है। इन छात्रों पर छात्र संघ चुनाव के दौरान अनुशासनहीनता करने का आरोप है। इसके अलावा कॉलेज का कहना है कि अनुशासनहीनता के मामले में तीन अन्य छात्रों के खिलाफ शिकायत पर अभी कार्रवाई चल रही है।
कॉलेज प्रशासन के मुताबिक अनुशासनात्मक समिति ने सभी 15 छात्रों को चार महीने के लिए निष्कासित किया है। निष्कासित छात्रों को एक शपथ पत्र में वचन देने के लिए कहा गया है कि वे भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे। हिंदू कॉलेज के मुताबिक कॉलेज की अनुशासनात्मक संसाधन समिति की सिफारिशों पर इस मामले का संज्ञान लिया गया था। जांच में पता लगा कि यह छात्र स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन के दौरान चुनाव प्रक्रिया में व्यवधान कर रहे थे।
हिंदू कॉलेज के प्रिंसिपल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए सोमवार को बताया कि तीन अन्य छात्रों के खिलाफ भी कार्रवाई चल रही है। हिंदू कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर अंजू श्रीवास्तव के मुताबिक छात्रों को व्यवधान उत्पन्न करने के लिए एक सीमित अवधि तक रस्टीकेट किया गया है।
कॉलेज के मुताबिक तीन दिन पहलेे 27 अक्टूबर को एक ई-मेल के जरिए, कॉलेज की अनुशासनात्मक संसाधन समिति ने छात्रों को इस संबंध में सूचित किया था। आरोपी छात्रों को बताया गया कि 15 से 18 सितंबर के बीच छात्र संघ के चुनाव के दौरान छात्रों द्वारा अनुशासनहीनता की गई।
जानकारी के मुताबिक छात्रों को इन कथित घटनाओं व उसमें उनकी संलिप्तता की तस्वीरें और वीडियो भी दिखाए गए। इसके लिए समिति ने इसी महीने एक बैठक की थी। साथ ही समिति ने यह फोटो और वीडियो ईमेल के जरिए छात्रों को भी भेजे हैं।
गौरतलब है कि हिंदू कॉलेज के कई छात्रों ने सितंबर में कॉलेज में केंद्रीय पार्षदों व प्रधानमंत्री के पद के नामांकन खारिज होने पर भूख हड़ताल की थी। हिंदू कॉलेज में छात्र संघ के प्रमुख को प्रेसिडेंट न बुलाकर 'प्रधानमंत्री' कहा जाता है। कॉलेज का तर्क था कि आवेदन करने वाले छात्रों की कॉलेज की कक्षाओं में उपस्थित कम है।
यही कारण बताते हुए नामांकन रद्द किया गया था। इस घटना के बाद कॉलेज में विवाद काफी बढ़ गया था। आरोपी छात्रों में से कुछ ने पहचान न बताए जाने की शर्त पर कहा कि कॉलेज ने कक्षाओं में अनुपस्थित का मुद्दा उठाया और प्रैक्टिकल में उनकी उपस्थिति पर विचार नहीं किया।
कॉलेज में इस दौरान केवल थ्योरी कक्षाओं में उपस्थिति का रिकॉर्ड चेक किया। इन छात्रों ने कॉलेज व विश्वविद्यालय प्रशासन से उनकी उपस्थिति पता करने के लिए एक नोटिस जारी करने की मांग की है।
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