दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन: 10वीं में 99.49 प्रतिशत तो 12वीं में 99.25 फीसदी रिजल्ट
12वीं में 667 बच्चों ने परीक्षाएं दी। 299 बच्चों ने अधिकतम जीपीए प्राप्त किया और केवल 5 बच्चे क्वालीफाई ग्रेड पॉइंट एवरेज (3 पॉइंट) प्राप्त नहीं कर सके, उनके लिए एक महीने बाद सप्लीमेंट्री परीक्षा आयोजित की जाएगी। यानि पहले साल में ही डीबीएसई के कक्षा 10वीं का रिजल्ट 99.25 प्रतिशत रहा। वहीं कक्षा 12वीं के टॉपर्स मोहम्मद फरहान, श्याम कुमार, उज्जवल प्रताप और शिम्पी हैं। इस साल डीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में 1582 व 12वीं की परीक्षा में 667 विद्यार्थी शामिल हुए। 10वीं की परीक्षा में सभी छात्रों के पास 6 फाउंडेशनल विषय थे। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व एंत्रप्रोन्योरियल माइंडसेट एंड डिजिटल डिजाईन शामिल हैं। साथ ही स्पेशलाइज्ड विषयों के रूप में 6 फाउंडेशनल विषय के अलावा डीबीएसई ने कई अन्य स्पेशलाइज्ड विषयों की परीक्षा भी ली गई।
इन विषयों के तहत ह्यूमैनिटीज के विद्यार्थियों ने वल्र्ड ऑफ वर्क, सिस्टम एंड सोसाइटीज, हाई-एंड 21वीं सेंचुरी के विद्यार्थियों ने एडवांस टेक्नोलॉजी, डिजाईन एंड कॉमर्स, स्टेम के विद्यार्थियों ने एडवांस्ड मैथ्स व एडवांस्ड साइंस व परफोमिर्ंग एंड विजुअल आर्ट्स के विद्यार्थियों ने मीडिया, क्रिएटिव राइटिंग-क्रिएटिव एक्सप्रेशन की परीक्षा दी। डीबीएसई द्वारा 12वीं की परीक्षा स्टेम स्पेशलाइजेशन में आयोजित की गई, इसमें 667 छात्रों ने परीक्षा दी। 2021 में दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन की शुरूआत हुई तब विश्व के जाने माने बोर्ड इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) के साथ एमओयू किया गया और इसी एमओयू के आधार पर डीबीएसई का पूरा करिकुलम और परीक्षा प्रणाली डिजाइन की गई। डीबीएसई के साथ एक छोटी शुरूआत करते हुए पहले साल में 20 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस को जोड़ने का काम किया गया। सोमवार को इसके 10वीं और 12वीं के पहले साल के रिजल्ट की घोषणा की गई।
इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि एक नए प्रयोग के साथ दिल्ली सरकार ने अपने स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में डीबीएसई के तहत पढ़ाई शुरू कराई। दुनिया के नामी आईबी बोर्ड के साथ मिलकर उनका सिलेबस तैयार कराया। आज दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड के ये बेहतरीन नतीजे ये साबित करते हैं कि हम सही दिशा में काम कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के मुताबिक पिछले 5 साल से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के सीबीएसई 12वीं बोर्ड के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आए है। 2018 से अबतक हर साल दिल्ली सरकार के स्कूलों का रिजल्ट 90 फीसदी से ज्यादा आया है। इस साल भी जब सीबीएसई का 12 का रिजल्ट आया है तो दिल्ली सरकार के स्कूलों का रिजल्ट न सिर्फ नेशनल एवरेज से ज्यादा है बल्कि देशभर के प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर है। देशभर के प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट 87.95 फीसदी आया वही दिल्ली के सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 91.59 प्रतिशत रहा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि, देशभर में बोर्ड परीक्षाएं साल में केवल एक बार होती है। साल में एक बार होने वाले 3 घंटे की परीक्षा के आधार पर बच्चे का पूरा भविष्य निर्धारित हो जाता है। डीबीएसई 2 टर्म परीक्षाओं का आयोजन करती है। साथ ही साल भर में विद्यार्थियों ने जो काम किया व उनके प्रोजेक्ट वर्क को डीबीएसई अपने रिजल्ट में शामिल करती है।
--आईएएनएस
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