सूर्य देव की पूजा: आषाढ़ मास में करें सूर्य देव की आराधना, जानें पूजा विधि और लाभ
- सूर्य देव की पूजा करने से सकारात्मक शक्ति मिलती है
- पूजा करने से किसी भी ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है
- सूर्यदेव की पूजा करने से सभी मनोकामनांए पूरी होती हैं
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ कई मायनों में खास माना जाता है। इस महीने में भी देवशयनी एकादशी आती है जब देव पूरे 4 महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस महीने में भगवान विष्णु की आराधना का बड़ा महत्व है। साथ ही इस माह में भगवान सूर्य की पूजा का बड़ा महत्व बताया गया है। स्कंद पुराण के अनुसार, इस महीने में भगवान विष्णु और सूर्य की पूजा करने से सभी तरह की बीमारियां दूर होती हैं।
ऐसी मान्यता है कि, आषाढ़ माह में रविवार को सूर्य देव की पूजा करने से भक्तों को अपनी ही तरह तेज और सकारात्मक शक्ति प्रदान करते हैं। वहीं सूर्य देव की पूजा करने से किसी भी ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है। आइए जानते हैं इस महीने में कैसे करें सूर्य देव की पूजा और क्या हैं इसके लाभ...
इस विधि से करें पूजा
- प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त हों।
- इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं।
- ध्यान रखें जल तांबे के लोटे से ही चढ़ाएं।
- जल में चावल, लाल फूल, कुमकुम डालकर ही अर्घ्य दें।
- जल चढ़ाते समय ऊं रवये नम: मंत्र का जाप करें।
- इसके बाद धूप, दीप से सूर्यदेव की पूजा करें।
- भगवान सूर्य को प्रणम करें।
- रविवार के दिन आप क्षमतानुसार दान भी कर सकते हैं।
सूर्यदेव की पूजा का लाभ
भगवान सूर्य जो पूरी दुनिया का प्रकाश देते हैं और अंधियारे को दूर करते हैं। उनकी पूजा का महत्व भविष्य पुराण में श्रीकृष्ण ने अपने पुत्र को बताया गया है। श्रीकृष्ण के अनुसार सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं, जिन्हें देखा जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि सूर्यदेव की पूजा से सभी मनोकामनांए पूरी होती हैं और आपके अंदर पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।
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