अकाल मृत्यु: अकाल मृत्यु के बाद कहां जाती है आत्मा?
- अकाल मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है ?
- आत्मा यमलोक में चली जाती है या यही पृथ्वी पर ही विचरण करती रहती है।
- आगे इस पोस्ट में पढ़े अकाल मृत्यु के बाद आत्मा कहां जाती है ?
अकाल मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है ? वो यमलोक में चली जाती है या यही पृथ्वी पर ही विचरण करती रहती है। आगे इस पोस्ट में पढ़े अकाल मृत्यु के बाद आत्मा कहां जाती है ?
इस संसार में जीवन और मृत्यु दो ही सार्वभौमिक सत्य है, जिन्हे कभी बदला नहीं जा सकता है। इस संसार में जन्म लेने वाले हर प्राणी की मृत्यु निश्चित है, इसे कोई टाल नहीं सकता। संसार में जन्म लेने वाला प्राणी अपने पूर्व जन्म के कर्म और वर्तमान जन्म के कर्म के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करता है, और एक निश्चित समय पर इस दुनिया को अलविदा करके चला जाता है।
यूं तो इस संसार में जन्म लेने वाले हर प्राणी की मृत्यु सुनिश्चित है, लेकिन मृत्यु भी दो प्रकार की होती है। एक सामान्य मृत्यु होती है जिसमें मनुष्य अपने पूरे जीवन को सुखपूर्वक व्यतीत करके मृत्यु को प्राप्त करता है। दूसरी मृत्यु वो होती है जिसमें असमय ही, आकस्मिक किसी की मृत्यु हो जाती है, इसे ही अकाल मृत्यु कहा जाता है।
कैसे होती है अकाल मृत्यु ?
अकाल मृत्यु कई वजह से हो सकती है। यदि किसी गंभीर दुर्घटना की वजह से किसी की जान चली जाती है। या गंभीर बीमारी से ग्रसित होने पर किसी की मृत्यु हो जाती है। सांप के काट लेने से, पानी में डूब जाने से या भुखमरी की वजह से किसी की मृत्यु हो जाती है। या फिर किसी की हत्या हो जाती है या व्यक्ति खुदकुशी कर के अपनी जान दे देता है तो ये सभी तरह की मौत अकाल मृत्यु की श्रेणी में आती है।
अकाल मृत्यु बहुत कष्टकारी होती है। हिंदुओं के पवित्र पुराण गरुड़ पुराण में जीवन एवं मृत्यु से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा की गई है। इसी पुराण में अकाल मृत्यु से जुड़ी व्याख्या भी की गई है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अकाल मृत्यु किस वजह से होती है ?
अकाल मृत्यु होने के कारण
पवित्र पुराण गरुड़ पुराण के अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली में अकाल मृत्यु दोष उसके द्वारा किए गए बुरे कर्मों का फल होता है। इसके साथ मनुष्य द्वारा पूर्व जन्म में किए गए पाप भी उसकी वर्तमान जन्म को प्रभावित करता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष का साया होता है और पितृदोष निवारण का उपाय नहीं किया जाता तो ऐसे में उस व्यक्ति पर अकाल मृत्यु का संकट बना रहता है।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष का साया रहता है तो ये भी बेहद कष्टकारी होता है। कालसर्प दोष के नुकसान बहुत होते हैं, इनमे से एक नुकसान व्यक्ति पर अकाल मृत्यु के संकट का साया पड़ना भी है।। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि यदि परिवार में किसी व्यक्ति का असमय, आकस्मिक निधन हो जाता है, तो यदि विधि विधान के साथ उस व्यक्ति का श्राद्ध अथवा तर्पण नहीं किया जाता, तो पूरे परिवार पर अकाल मृत्यु दोष का संकट बन जाता है।
अकाल मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है ?
जैसे कि ऊपर हमने बताया अकाल मृत्यु बेहद कष्टकारी होती है। मृत्यु तो आखिरी सच है जिसे हर किसी को स्वीकार करना है, लेकिन असमय ही जब कोई व्यक्ति इस दुनिया को छोड़कर चला जाता है तो ये उस व्यक्ति के परिजनों के लिए असहनीय होता है। अकाल मृत्यु सिर्फ मरने वाले के परिजनों के लिए दुखदायी नहीं होता, बल्कि मृतक की आत्मा के लिए भी ये बेहद कष्टकारी होता है। क्योंकि जब कोई व्यक्ति असमय ही इस दुनिया से जाता है तो उसकी कई इच्छाएं अधूरी ही रह जाती है। ऐसे में अकाल मृत्यु को प्राप्त करने वाले व्यक्ति की आत्मा को तृप्ति नहीं मिल पाती और वो दर बदर भटकती रहती है।
गरुड़ पुराण में इस बात की व्याख्या की गई है कि अकाल मृत्यु को प्राप्त करने वाले व्यक्ति की आत्मा कहां जाती है ?
गरुड़ पुराण के मुताबिक यदि कोई पुरुष अकाल मृत्यु को प्राप्त करता है तो उसकी आत्मा प्रेत योनि में प्रवेश कर के अपने परिजनों के इर्द गिर्द भटकती रहती है। किसी विवाहित महिला की अकाल मृत्यु होने पर उसकी आत्मा अलग अलग योनियों में प्रवेश कर विचरण कर धरती पर ही विचरण करती रहती है। किसी कुंवारी कन्या की अकाल मृत्यु होने पर उसकी आत्मा देवी योनि में प्रवेश कर धरती पर ही भटकती रहती है।
नोट: परिवार में किसी की अकाल मृत्यु होने पर घर के अन्य सदस्यों एवं आने वाली पीढ़ियों को इसके दुष्प्रभाव से बचाने के लिए किसी पंडित को बुलाकर विधि पूर्वक शांति पाठ करवाना चाहिए, ताकि मृतक की आत्मा को शांति मिले। इस तरह की अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए लास्ट इन्वाइट के ब्लॉग पढ़ें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।