विनायक चतुर्थी: इस शुभ मुहूर्त में करें गणपति बप्पा की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त
- गणेश चतुर्थी 13 फरवरी 2024, मंगलवार को है
- संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन करना चाहिए
- ॐ गणेशाय नम:" मंत्र का जाप करना चाहिए
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में भगवान गणेश जी को प्रथम पूज्य देव के रूप में जाना जाता है। कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य बप्पा की पूजा-अर्चना के बिना शुरू नहीं होता। लेकिन, विशेष मौकों पर श्री गणेश की विशेष आराधना भी होती है। इनमें हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि खास होती है। हर माह को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है, वहीं माघ माह में यह चतुर्थी 13 फरवरी 2024, मंगलवार को पड़ रही है। इसी दिन गणेश जयंती भी मनाई जाएगी, जो कि साल में एक बार आती है।
ऐसा माना जाता है कि, जो भी व्यक्ति इस दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं उन्हें जीवन में कोई कष्ट नहीं रहता है। इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-दौलत, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि की प्राप्ति भी होती है। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि...
शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 12 फरवरी 2024, सोमवार शाम 05 बजकर 44 मिनट से
तिथि समापन: 13 फरवरी 2024, मंगलवार दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से
पूजा का शुभ समय: 13 फरवरी सुबह 11 बजकर 29 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक
पूजा विधि
- पूजा के समय अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं।
- अब गणेश का प्रिय मंत्र- "ॐ गं गणपतयै नम:" बोलते हुए 21 दूर्वादल चढ़ाएं।
- श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डुओं का ब्राह्मण को दान दें तथा 5 लड्डू श्री गणेश के चरणों में रखकर बाकी को प्रसाद स्वरूप बांट दें।
- पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
- संध्या के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें।
- संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके श्री गणेश की आरती करें तथा "ॐ गणेशाय नम:" मंत्र की माला का जाप करें।
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