गोवर्धन पूजा 2024: कब और क्यों की जाती है गोवर्धन पूजा? जानें हमारे जीवन में इसका महत्व

  • 2 अक्टूबर को होगी गोवर्धन पूजा
  • श्रीकृष्ण ने उठाया था गोवर्धन पर्वत
  • लोग करते हैं पेड़-पौधों की पूजा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-01 12:03 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट भी कहा जाता है, हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस दिन गाय, गिरिराज पर्वत, भगवान श्रीकृष्ण और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लोग अपने घरों में खासतौर पर तैयारी करते हैं। इस त्योहार को उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा में गोधन यानि गाय की पूजा होती है। हिंदू मान्यता के मुताबिक, गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। जिस तरह मां लक्ष्मी हमें सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं, उसी तरह गौ माता हमें स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। इसलिए इस दिन गौ माता की पूजा करने की मान्यता है। गोवर्धन पूजा सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि ये एक खूबसूरत जीवनशैली का प्रतीक है। ये हमें परिवार, समाज और प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है। इस दिन की पूजा और परंपराएं न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा देती हैं, बल्कि समाज में प्रेम, एकता और भाईचारे की भावना को भी मजबूत करती हैं। इस साल ये पर्व 2 नवंबर को मनाया जाएगा। तो ऐसे में चलिए जानते हैं कि गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है और ये हमारे जीवन में क्या महत्व रखता है?

गोवर्धन पूजा और इसके लाभ

भगवान कृष्ण की महिमा के गुणगान के लिए

गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण के उस अद्भुत लीला को याद करने के लिए की जाती है, जब उन्होंने बारिश और प्राकृतिक वैभव के देवता देवराज इंद्र के क्रोध से गोकुल वासियों की रक्षा की थी। उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुल के लोगों को सुरक्षा प्रदान की। इससे ये समझा जा सकता है कि भगवान अपने भक्तों की हर मुसीबतों से रक्षा करते हैं।

प्रकृति के प्रति श्रद्धा के लिए

गोवर्धन पूजा हमें प्रकृति की रक्षा और उसकी महत्ता का अहसास कराती है। इस पूजा के जरीए हम प्रकृति के प्रति अपनी श्रद्धा और आभार प्रकट करते हैं। ये पर्व हमें सिखाता है कि हमें पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए और प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करना चाहिए। इस दिन लोग पेड़-पौधों की पूजा भी करते हैं, जिससे पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ती है।

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सामाजिक एकता के लिए

इस दिन लोग अपने परिवार और पड़ोसियों के साथ मिलकर पूजा करते हैं। लोग एक-दूसरे के घर जाकर मिठाईयां बांटते हैं, जिससे समाज में एकता और भाईचारा बढ़ता है। ये पर्व हमें एक-दूसरे के प्रति प्यार और संबंध को मजबूत बनाना सिखलाता है।

धार्मिक आस्था के लिए

गोवर्धन पूजा हमारे धार्मिक जीवन का हिस्सा है। ये हमें भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन होने और उनकी लीला को याद करने का अवसर देती है। इस दिन लोग मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और कृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं।

संस्कृति और परंपरा के लिए

ये पूजा हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने में मदद करती है। ये हमें हमारे पूर्वजों की मान्यताओं और संस्कारों से जोड़ती है। इस दिन विशेष पकवान बनाए जाते हैं। लोग पूड़ी, सब्जी, मिठाई और खीर जैसी कई और भी चीजें बनाते हैं। वहीं, इस दिन अन्नकूट भोग का भी महत्व है, जिसमें लोग भगवान कृष्ण को अलग-अलग तरह के पकवानों का भोग लगाते हैं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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