Bhai Dooj 2024: जानिए इस दिन का महत्व, नोट कर लें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
- दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है ये पर्व
- भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है
- बहनें भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं
डिजिटल डेस्क, भोपाल। दीपावली पर्व के दो दिन बाद भाईदोज (Bhai Dooj) का त्यौहार मनाया जाता है। भाईदोज के साथ ही इस दिन चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है, जो इस बार 03 नवंबर, रविववार को है। भाई दूज दिवाली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करती हैं।
इस प्रथा को एक पौराणिक कथा से भी जोड़ा गया है। इस दिन स्वयं यम की बहन यमुना ने अपने भाई से वर मांगा था कि जो भी भाई इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद अपनी बहन के घर भोजन करता है उसको मृत्यु का भय ना रहे। आइए जानते हैं जानिए भाई दूज से जुड़ी मुख्य बातें…
शुभ मुहूर्त
द्वितीया तिथि प्रारम्भ: 02 नवंबर 2024, शनिवार की रात 08 बजकर 21 मिनट से
द्वितीया तिथि समाप्त: 03 नवंबर 2024, रविवार तक।
पूजा का मुहूर्त
ब्रम्हा मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 51 बजे से शाम 5 बजकर 43 बजे तक
दोपहर मुहूर्त: दोपहर 1 बजकर 10 बजे से 3 बजकर 22 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 1 बजकर 54 बजे से 1 बजकर 54 बजे तक
तिलक का समय: दोपहर 1 बजकर 16 बजे से 3 बजे तक रहेगा
महत्व
जिस प्रकार दिवाली के बाद भाई दूज मनाकर भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना की जाती है और उसे नर्क की यातनाओं से मुक्ति दिलाने के लिए उसका तिलक किया जाता है। उसी प्रकार होली के बाद भाई का तिलक करके होली की भाई दूज मनाई जाती है। जिससे उसे सभी प्रकार के संकटों से बचाया जा सके।
पूजन विधि
भाईदूज के दिन पवित्र नदी में स्नान कर भगवान विष्णु एवं गणेश की पूजा शुभ फलदायी मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन गोबर के दूज बनाए जाते हैं। इनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है। बहनें दूज से भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना की जाती है। एवं भाई के शत्रु एवं बाधा का नाश होने की प्रार्थना करती हैं। वैसे कई स्थान पर भाई को चौकी/पीड़ा पर बैठाकर बहनें उनके माथे पर तिलक लगाती है। आरती उतारकर उनकी पूजा करती हैं।
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