वामन जयंती 2023: भगवान विष्णु ने इस तरह तोड़ा था राजा बलि का घमंड, इस विधि से भगवान विष्णु की पूजा
आज के ही दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण किया था
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म में हर साल भाद्रपद शुक्ल द्वादशी को वामन जयंती मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि, भगवान विष्णु ने पृथ्वीलोक को असुरराज बलि के अन्याय और अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए वामन अवतार धारण किया था, जो कि श्री हरि के दशावतार में से पांचवा था। इस दिन भक्त उपवास रहकर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा अर्चना करते हैं। पुराणों के अनुसार, भगवान वामन ने तीन कदमों में तीनों लोक नापकर प्रहलाद पौत्र राजा बलि का घमंड तोड़ा था।
इस दिन चावल, दही आदि का दान करना शुभ माना जाता है। वहीं शाम को, भक्तों को परिवार के सदस्यों के साथ वामन कथा को सुनना चाहिए और सभी के बीच प्रसाद वितरित करना चाहिए। भक्तों को उपवास रखना चाहिए और भगवान वामन को प्रसन्न करने और सभी इच्छाओं को पूरा करने के लिए उचित अनुष्ठानों के साथ पूजा करना चाहिए। आइए जानते हैं पूजन विधि, मुहूर्त...
वामन जयंती 2023 मुहूर्त
श्रवण नक्षत्र: 25 सितंबर सुबह 11.55 बजे से 26 सितंबर सुबह 09.42 बजे तक
पूजा का मुहूर्त: 26 सितंबर सुबह 09.12 बजे से दोपहर 01.43 बजे तक
वामन जयंती की कथा
भगवान विष्णु के कई अवतार में से एक है वामन अवतार, जो कि पांचवां अवतार माना जाता है। श्रीमद्भगवद पुराण के अनुसार, देव और दैत्यों के युद्ध में जब देव पराजित होने लगे और असुर सेना अमरावती पर आक्रमण करने लगी। तब इंद्रदेव भगवान विष्णु से सुरक्षा की मांग करने उनके शरण में जा पहुंचे। भगवान ने उन्हें धैर्य दिलाया और कहा कि वह माता अदिति के गर्भ से वामन के रूप में जन्म लेकर दैत्यराज बलि से देवताओं को मुक्ति दिलाएंगे। इसके बाद उचित समय पर महर्षि कश्यप के सहयोग से माता अदिति ने पयोव्रत का अनुष्ठान किया, ये अनुष्ठान पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है।
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