Vaishakh Month 2024: 24 अप्रैल से शुरू हुआ वैशाख माह, जानिए इस माह का महत्व और उपाय

पुराणों में भी इस माह की महिमा का वर्णन मिलता है श्री बांके बिहारी जी के चरण दर्शन इसी महीने में होते हैं भगवान बुद्ध और परशुराम का जन्म इसी माह में हुआ था

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-23 11:53 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचांग का पहला महिना चैत्र पूर्णिमा के साथ समाप्त हो चुका है और आज 24 अप्रैल से दूसरा माह शुरू हुआ है। दूसरे माह का नाम वैशाख (Vaishakh) है, विशाखा नक्षत्र से संबंध होने के कारण इसको वैशाख कहा जाता है। इस महीने का विशेष महत्व बताया गया है। इस मास में व्रत, पूजा,दान, करने एवं किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने का लाभ मिलता है। विशेष तौर पर इस महीने में भगवान विष्णु, परशुराम और देवी की उपासना की जाती है।

पुराणों में भी इस माह की महिमा का वर्णन मिलता है। "न माधवसमो मासो न कृतेन युगं समम्। न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।।" अर्थात् वैशाख मास का अपना ही महत्त्व होता है इसके समान कोई मास नहीं है, सतयुग के समान कोई युग नहीं है, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगासागर के समान कोई तीर्थ नहीं है। अपने कतिपय वैशिष्ट्य के कारण वैशाख मास उत्तम माना गया है।

वैशाख का महत्व

सालभर में सिर्फ एक बार श्री बांके बिहारी जी के चरण दर्शन भी वैशाख महीने में ही होते हैं। इस महीने में शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा उपासना की जाती है। वहीं इसी महीने में भगवान बुद्ध और परशुराम का जन्म भी हुआ था। यही नहीं, इस महीने में भगवान ब्रह्मा ने तिलों का निर्माण किया था, जिसके चलते इस माह में तिलों का विशेष प्रयोग किया जाता है। इसी महीने में धन और संपत्ति प्राप्ति का महापर्व अक्षय तृतीया भी आता है। इसके अलावा इसी महीने में मोहिनी एकादशी भी आती है।

इस माह में करें ये उपाय

- वैशाख के महीने में गर्मी अधिक होती है। ऐसे में आप इस महीने में गरीब लोगों को चप्पल, छाता का दान करें।

- इसके अलावा आप पानी की प्याउ लगाएं और राहगीरों को पानी की व्यवस्था करें

- इस महीने में जलाशय सूखने लगते हैं जिससे पशु-पक्षी परेशान होते हैं। ऐसे में पशु-पक्षियों के लिए दाना पानी रखना चाहिए।

- वैशाख माह में अपनी श्रद्धा अनुसार तिल, सत्तू, आम और कपड़े का दान करें।

- इस माह में कांस्य के पात्र में भोजन करें और खाट पर सोना चाहिए, ऐसा करने से इंसान की सभी बीमारियां खत्म हो जाती हैं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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