रोजाना तुलसी पूजा से घर में आएगी सुख- समृद्धि, मिलेगा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-07 11:56 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का अत्यधिक महत्व है, इसलिए अधिकांश घरों के आंगन में तुलसी पौधा देखने को मिलता है। शास्त्रों में तुलसी की पूजा को बेहद शुभ माना गया है। कहा जाता है कि जिस घर में प्रतिदिन तुलसी की पूजा होती है, वहां सुख- समृद्धि, सौभाग्य बना रहता है। मान्यता है कि तुलसी में देवी लक्ष्मी का वास होता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय है और भगवान विष्णु के भोग में तुलसी का शामिल जरूर करना चाहिए। तुलसी को हरिवल्लभा भी कहा जाता है। तुलसी की पूजा सुबह- शाम करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं तुलसी के प्रकारों और इसकी पूजा विधि के बारे में...

कितने प्रकार की होती है तुलसी

आमतौर पर घरों में रामा और श्यामा तुलसी अधिक मिलती है। लेकिन तुलसी कुल 5 प्रकार होती है, इनमें श्याम, रामा, श्वेत, वन और नींबू तुलसी शामिल है।

1. श्याम तुलसी- तुलसी को कृष्ण तुलसी भी कहा जाता है, तुलसी की पत्तियां श्याम रंग या बैंगनी रंग की होती है।

2. रामा तुलसी- तुलसी की पत्तियां हरी होती हैं, इसी वजह से उसे रामा या उज्जवल तुलसी कहा जाता है। रामा तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल पूजा-पाठ में किया जाता है।

3. श्वेत तुलसी- इस को विष्णु तुलसी भी कहा जाता है। श्वेत तुलसी के पुष्प आते हैं वह सफेद रंग के होते हैं।

4. वन तुलसी- वन तुलसी को जंगली तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। वन तुलसी का आयुर्वेदिक चिकित्सा में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

क्या है पूजा विधि

तुलसी की पूजा को कोई भी कर सकता है यानी कि स्त्री और पुरुष दोनों ही तुलसी की पूजा कर सकते हैं।

सुबह सूर्योदय से पहले अठें और नित्यक्रमादि से निवृत होकर स्नान करें।

तुलसी की पूजा के लिए आप जल का कलश, अगरबत्ती, धूपबत्ती, घी का दीपक, सिन्दूर, पुष्प आदि रखें पूजन की सामग्र को तुलसी के पौधें के पास रख लें।

सबसे पहले तुलसी को जल चढ़ाएं। ध्यान रखें कि जल को तुलसी की जड़ में ही अर्पित करें।

तुलसी में जल चढ़ाने के साथ इसकी 3 बार परिक्रमा करें और हर एक परिक्रमा के बाद तुलसी की जड़ में थोड़ा सा जल भी चढ़ाएं।

तुलसी में जल अर्पित करने के बाद तुलसी के मंत्रों का जाप करें।

इसके पौधे के पास धूप बत्ती और घी का दीपक जलाएं और तुलसी की आरती करें।

मंत्र

महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी

आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते..

ध्यान रखें ये बात

तुलसी के पौधे को कभी भी रविवार के दिन या एकादशी के दिन छूना नहीं चाहिए। मान्यता के अनुसार, माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के लिए रविवार के दिन व्रत रखती हैं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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