श्रावण मास 2023: 19 साल बाद बन रहा दुर्लभ योग, जानिए क्यों खास है इस बार का सावन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देवों के देव महादेव का सबसे प्रिय माह सावन यानी श्रावण आज 4 जुलाई से आरंभ हो चुका है। सावन का महीना हिंदू कैलेण्डर का 5वां महीना होता है। शिव पुराण के अनुसार, सावन के महाने में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर निवास करते हैं। इसलिए कहा जाता है कि सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा करने से जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है।
यह माह शिव भक्तों के लिए बहुत पवित्र होता है। हालांकि साल 2023 का सावन माह कई मायनो में काफी खास है और सावन में गजकेसरी समेत कई दुर्लभ योग बन रहे हैं। आमतौर पर सावन एक महीने का होता है, लेकिन इस साल यह 2 महीने का होगा।
सावन पर बन रहा दुर्लभ योग
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस बार सावन के महीने में अधिकमास लग रहा है इसलिए सावन 30 के बजाय 59 दिन का होगा और इस बार सावन सोमवार व्रतों की संख्या 8 होगी। यह योग 19 साल बाद बना है।
धार्मिक मान्यतानुसार, इस माह में शिव की अराधना मात्र से ही व्यक्ति की हर मुराद पूरी हो जाती है। कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर की चाहत है या जो महिलाएं अपने पति के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखना चाहती हैं, उन्हें सावन सोमवार व्रत जरूर करना चाहिए।
सावन मास को लेकर मान्यतापौराणिक कथाओं के अनुसार सावन माह में ही समुद्र मंथन हुआ था। हलाहल विष रे पान से महादेव का कंठ नीला हो गय । जिसके बाद विष का प्रभाव को कम करने के लिए देवी- देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया था, जिससे उम्हें राहत मिली और वे प्रसन्न हुए।
वहीं मान्यता यह भी है कि देवी सती का पार्वती के रूप में दोबारा जन्म हुआ था और माता पार्वती ने भगवान शिव को फिर से पतिरूप में पाने के लिए कठोर व्रत और उपवास करके भगवान शिव को प्रसन्न किया। इसके बाद माता पार्वती से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनसे विवाह किया था। यही वजह है कि भगवान शिव को सावन का महीना बहुत ही प्रिय है। कहा जाता है कि शिव सावन माह में हर वर्ष अपनी ससुराल आते हैं।