शारदीय नवरात्रि 2023: आदिशक्ति मां कात्यायनी की पूजा से मिलते हैं ये लाभ
शीघ्र विवाह के लिए मां कात्यायनी की पूजा की जाती है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि के दौरान मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व है। यह मां दुर्गा का छठवां स्वरूप है, जो बेहद शांत और हृदय को सुख देने वाला हैं। मां कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति को अपनी सभी इंद्रियों को वश में करने की शक्ति प्राप्त होती है। मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था, इसलिए इनको कात्यायनी कहा जाता है। दुर्गा सप्तशती में मध्य चरित्र जिस महिषासुर का उल्लेख मिलता है उसका वध करने वाली देवी मां कात्यायनी ही हैं। इसलिए इन्हें महिषासुर मर्दनी के नाम से भी पुकारते हैं।
ऐसा माना जाता है कि, शीघ्र विवाह के लिए मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, ज्योतिष में बृहस्पति का सम्बन्ध माता से माना जाता है। ऐसे में मां की पूजा मनचाहे विवाह और प्रेम विवाह और वैवाहिक जीवन के लिए फलदायी होती है। आइए जानते हैं इनकी पूजा विधि के बारे में...
पूजा विधि
- मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए चौकी पर साफ लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर मां कात्यायनी की मूर्ति रखें।
- अब गंगाजल से पूजा घर और घर के बाकी स्थानों को पवित्र करें।
- वैदिक मंत्रोच्चार के साथ व्रत का संकल्प पढ़ें एवं सभी देवी-देवताओं को नमस्कार करते हुए षोडशोपचार पूजन करें।
- देवी कात्यायनी की पूजा करते समय मंत्र का जप करें।
- इसके बाद पूजा में गंगाजल, कलावा, नारियल, कलश, चावल, रोली, चुन्नी, अगरबत्ती, शहद, धूप, दीप और घी का प्रयोग करें।
- माता को पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें।
- मां कात्यायनी को शहद अति प्रिय है। इसलिए पूजा में देवी को शुद्ध शहद अर्पित करें।
- माता को मालपुआ का भोग भी प्रिय है। उन्हें यह भोग लगाएं और प्रार्थना करें।
मन्त्र
कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।
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