शारदीय नवरात्रि 2023: इस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना, जानें पूजा विधि

घट स्थापना अभिजीत मुहुर्त में करना श्रेयष्कर माना गया है

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-14 12:02 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक शारदीय नवरात्र की शुरुआत इस वर्ष 15 अक्टूबर, रविवार से होने जा रही है। बता दें कि नवरात्रि साल में दो आती हैं, इनमें एक चैत्र नवरात्रि और दूसरी शारदीय नवरात्रि हैं। नवरात्रि की पूजा से पहले कलश स्थापना या घट स्थापना का विधान है।

ज्योतिष के अनुसार प्रतिपदा के दिन कलश या घट स्थापना सूर्योदय के बाद अभिजीत मुहुर्त में करना श्रेयष्कर रहता है। यदि आप भी शारदीय नवरात्रि में कलश या घट स्थापना करना चाहते हैं तो इसके लिए शुभ मुहूर्त का जानना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कलश स्थापना शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...

घट स्थापना मुहूर्त:

शुभ मुहूर्त: सुबह 06 बजकर 21 मिनट से सुबह 10 बजकर 12 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 44 मिनट से 12:30 मिनट तक

पूजा विधि

- शुभ मुहूर्त में कलश या घट स्थापना करें।

- इस दिन पूरे नौ दिनों तक देवी की आराधना करें।

- नवरात्र के नौ दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा और आराधना करें।

- पूरे नवरात्रि में दुर्गासप्तशती का पाठ करना चाहिए।

- इन दिनों में ब्रह्म मुहुर्त में श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ बहुत शुभफलदायी होता है।

- इस समय पूरे नियम से माता दुर्गा के शरणागत रहना चाहिए क्योंकि यही भक्ति की सर्वोच्च अवस्था है।

- इस दिन माता के किसी सिद्ध पीठ का दर्शन कर आशीर्वाद ले।

- प्रतिदिन माता के मंदिर जाकर विधिवत दर्शन करने के साथ पूजा करें।

- इन दिनों में रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करें, इससे दैहिक, दैविक तथा भौतिक तापों का नाश होता है।

- नवरात्रि में श्री रामचरित मानस का पाठ बहुत पुण्यदायी बताया गया है।

- मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए पूरी नवरात्रि व्रत कर अंतिम दिन हवन करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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