Rang Panchami 2024: रंग पंचमी पर बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग, आज इस मुहूर्त में लगाएं रंग- गुलाल
- देवी- देवताओं को समर्पित है रंग पंचमी
- राधा कृष्ण जी को अबीर गुलाल लगाते हैं
- एक दूसरे को रंग- गुलाल लगाते हैं लोग
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी (Rang Panchami) का पर्व मनाया जाता है। यह होली पर्व का आखिरी दिन होता है और पांचवा दिन होने के कारण इसे रंग पंचमी कहा गया है। इस वर्ष यह त्योहार 30 मार्च, शनिवार को मनाया जा रहा है। इस दिन को देवी- देवताओं को समर्पित माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि रंग पंचमी पर देवी देवता पृथ्वी पर आकर होली खेलते हैं। इस दिन राधा कृष्ण जी को अबीर गुलाल लगाया जाता है।
ज्योतिषार्च के अनुसार, इस बार कई सालों के बाद रंग पंचमी के दिन कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। जिसमें भगवान की पूजा करने और पर्व मनाने से कई गुना फल की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं इन संयोग के साथ इस पर्व का महत्व और मुहूर्त के बारे में...
रंग पंचमी का महत्व
रंगपंचमी का पर्व देश भर में बड़े ही उल्लास और धूम धाम के साथ मनाया जाता है। लोग रंगपंचमी के दिन एक-दूसरे के शरीर पर रंग व गुलाल डालते हैं। माना जाता है कि, इस दिन वातावरण में उड़ने वाले रंग- गुलाल से व्यक्ति में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक गुण प्रवेश करते हैं।
वहीं पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन आसमान में रंग उड़ाने से रज और तम के प्रभाव कम हो कर उत्सव का सात्विक स्वरूप निखरता है। इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और आसमान से ही रंगों के जरिए अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस वर्ष रंग पंचमी के दिन सिद्धि योग, रवि योग और शिव वास योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान की पूजा करने और रंगोत्सव मनाने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है।
सिद्धि योग
ज्योतिष गणना के अनुसार, यह अत्यंत शुभ योग है। रंग पंचमी पर सिद्धि योग का निर्माण रात 10 बजकर 47 मिनट तक है। सिद्धि योग को शुभ कार्य के लिए श्रेष्ठ माना जाता है और इसके बाद व्यतिपात योग का निर्माण हो रहा है।
शिव वास योग
रंग पंचमी के दिन शिव शंकर यानि कि भोलेनाथ संध्या काल 9:13 पर नदी पर विराजमान रहेंगे।शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव के नदी पर विराजमान रहने के दौरान पूजा करने से विशेष कार्य में सफलता भी प्राप्त होती है। बता दें कि, भगवान शिव के निवास का पता लगाने के लिए महर्षि नारद ने शिव वास गणना का शिव वास सूत्र बनाया था। इसके अनुसार शिव वास को तिथि अनुसार ज्ञात किया जाता है।
रवि योग
रंग पंचमी के पर्व पर रवि योग का निर्माण भी हो रहा है। इस योग का निर्माण रात्रि 10:03 से शुरू होकर अगले दिन सुबह 6:12 तक रहेगा। बता दें कि, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में रवि योग होता है तो व्यक्ति का मान- सम्मान और प्रभाव बढ़ता है। इस दिन रवि योग बनने से इस समयावधि में पूजा या पर्व मनाने से भी समान फल प्राप्त होगा।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।