प्रदोष व्रत: इस व्रत को करने से मिलेगा दो गायों को दान करने का फल, जानें पूजा विधि

इस दिन महादेव की पूजा- अर्चना की जाती है

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-10 09:54 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर माह की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत आता है और माह में दो प्रदोष व्रत आते हैं। भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष माना गया है। ऐसा माना जाता है, कि जो लोग प्रदोष का व्रत रख शाम के समय महादेव की आराधना करते हैं उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही सभी दोष मिट जाते हैं।

नवंबर माह में प्रदोष व्रत 10 नवंबर 2023, शुक्रवार को है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो जातक सच्चे मन से प्रदोष व्रत करते हुए महादेव की पूजा- अर्चना करते हैं भोलेशंकर उस भक्त की मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उस पर कृपा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत को रखने से दो गायों को दान देने के समान पुण्य फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं पूजा विधि...

प्रदोष व्रत की विधि

- प्रदोष व्रत करने के लिए व्रती को सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए।

- नित्यकर्मों से निवृ्त होकर भगवान शिव का स्मरण करें।

- पूरे दिन उपावस रखने के बाद सूर्यास्त से पहले स्नानादि कर श्वेत वस्त्र धारण करें।

- पूजन स्थल को शुद्ध करने के बाद गाय के गोबर से लीपकर, मंडप तैयार करें।

- इस मंडप में पांच रंगों का उपयोग करते हुए रंगोली बनाएं।

- उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें और भगवान शिव का पूजन करें।

- पूजन में भगवान शिव के मंत्र "ऊँ नम: शिवाय" का जाप करते हुए जल चढ़ाएं।

पौराणिक तथ्य

प्रदोष व्रत को लेकर एक पौराणिक तथ्य सामने आता है कि "एक दिन जब चारों ओर अधर्म की स्थिति होगी, अन्याय और अनाचार का एकाधिकार होगा, मनुष्य में स्वार्थ भाव अधिक होगा। व्यक्ति सत्कर्म करने के स्थान पर नीच कार्यों को अधिक करेगा। उस समय में जो व्यक्ति त्रयोदशी का व्रत रखकर भगवान शिव की आराधना करेगा, उस पर शिव जी की कृपा होगी। इस व्रत को रखने वाला व्यक्ति जन्म-जन्मान्तर के फेरों से निकल कर मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ता है। उसे उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

 

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