व्रत: साल के पहले प्रदोष पर बन रहा ये संयोग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

  • इस प्रदोष को भौम प्रदोष कहा गया है
  • व्रत करने पर मिलते हैं कई सारे लाभ
  • व्रती कभी कर्ज से परेशान नहीं रहता

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-08 11:02 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हर माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार साल 2024 का पहला प्रदोष व्रत 9 जनवरी को रखा जाएगा। इस बार प्रदोष व्रत पर मासिक शिवरात्रि का संयोग बन रहा है। शास्त्रों में यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। वहीं ज्योतिषाचार्य के अनुसार, मंगलवार के दिन आने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष नाम से जाना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि, भौम प्रदोष के दिन यदि कोई भी जातक भगवान शंकर की विधिवत पूजा करे तो वह जीवन में कर्ज से कभी परेशान नहीं होता। यही नहीं ऐसे व्यक्ति को कभी-भी धन की कमी होती है। भौम प्रदोष की संध्या को हनुमान चालीसा का पाठ बहुत शुभकारी माना गया है। आइए जानते हैं इस व्रत की पूजा विधि और मुहूर्त...

भौम प्रदोष की तिथि

तिथि आरंभ: 8 जनवरी 2024, सोमवार रात 11 बजकर 58 मिनट से

तिथि समापन: 9 जनवरी 2024, मंगलवार रात 10 बजकर 24 मिनट तक

भौम प्रदोष व्रत और पूजा विधि

- भौम प्रदोष व्रत के दिन व्रती को सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होना चाहिए।

- व्रत का संकल्प लेने के साथ ही पूरे दिन मन में “ॐ नम: शिवाय” का जाप करें।

- घर के मंदिर की सफाई कर विधि विधान से भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए।

- घर के अलावा आप शिवालय जाकर भी पूजा कर सकते हैं।

- त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में शिव जी का पूजन करना चाहिए।

- भौम प्रदोष व्रत की पूजा संध्या समय 4:30 बजे से लेकर 7:00 बजे के बीच ही करें।

- शाम को पूजा से पहले स्नान करें और उसके बाद साफ और स्वच्छ कपड़ा पहनकर ही पूजन करें।

- पूजा के दौरान शिवजी का ध्यान करें और ध्यान के बाद भौम प्रदोष व्रत की कथा सुनें और सुनाएं।

- कथा के बाद हवन करें और “ॐ ह्रीं क्लीं नम: शिवाय स्वाहा मंत्र से 108 बार आहुति दें।

- इसके बाद शिवजी की आरती करें।

- सबको प्रसाद वितरित करें उसके बाद फिर प्रसाद पाएं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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