परम एकादशी 2023: भगवान विष्णु की इस विधि से करें पूजा, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
- इस व्रत से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में सालभर कई सारे व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। फिल्हाल, सावन माह चल रहा है और इस बार सावन में अधिकमास पड़ रहा है। वहीं अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को परमा या परम एकादशी के नाम से जाना जाता है, जो कि इस बार 12 अगस्त को मनाई जाएगी। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। माना जाता है कि, जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखने के साथ ही श्रीहरि की विधि विधान से पूजा करता है उसे समस्त प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शास्त्रों के मुताबिक, परमा एकादशी के इस व्रत को कुबेर जी ने किया था। कुबेर की पूजा से भगवान शंकर खुश हुए और उनको धनपति बना दिया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने वाला व्यक्ति पांच दिन तक स्वर्ण दान, भूमि दान, विद्या दान, गौ दान या अन्न दान करता है। तो उससे माता लक्ष्मी खुश होती हैं और धन धान्य की प्रप्ती होती है।
पूजा का मुहूर्त
तिथि आरंभ: शनिवार, 12 अगस्त, सुबह 07 बजकर 28 मिनट से
तिथि समापन: शनिवार, 12 अगस्त, सुबह 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगा
व्रत पारण: 13 अगस्त, सुबह 05 बजकर 49 मिनट से सुबह 08 बजकर 19 मिनट तक
क्या है पूजन करने की विधि?
जैसा कि सनातन धर्म में सर्व प्रथम गणेश भगवान की पूजा की जाती है। इसके बाद ही हम और देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। ऐसे ही गणेश जी की पूजा के बाद इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
भगवान की उपासना करने से पहले पूजा स्थल के ईशान कोण में एक वेदी बनाकर उस पर सप्त धान रखें।
इसके बाद जल कलश स्थापित करें और आम, अशोक के पत्तों से सजाएं।
भगवान विष्णु के बराबर में माता लक्ष्मी की मूर्ति जरुर रखें।
दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और सभी देवी-देवताओं का अभिषेक करें।
इसके बाद में जलाभिषेक करें।
इसके बाद पीले पुष्प, ऋतुफल, तुलसी आदि चढ़ाकर धूप-दीप व कपूर से भगवान विष्णु की आरती करें।
परमा एकादशी के दिन विष्णुजी के मंदिर एवं तुलसी के नीचे दीपदान करें। इससे आपके बिगड़े काम बनेगें। इस दिन दान करना बेहद शुभ माना गया है।
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