व्रत: आज है योगिनी एकादशी, जानें कैसे करें पूजा
व्रत: आज है योगिनी एकादशी, जानें कैसे करें पूजा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियां होती हैं। उनमें आषाढ़ मास की कृष्ण एकादशी को "योगिनी" अथवा "शयनी" एकादशी कहते हैं। इस बार ये तिथि 17 जून 2020 बुधवार यानी कि आज है। इस व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। यह इस लोक में भोग और परलोक में मुक्ति देने वाली है। यह तीनों लोकों में प्रसिद्ध है। योगिनी एकादशी व्रतकथा पद्मपुराण के उत्तरखण्ड में प्राप्त होती है।
इस एकादशी पर दान का भी बहुत महत्व बताया गया है। दान सदा ही पुण्यफलदायक होता है। शास्त्रानुसार किसी भी प्रकार का दान करते समय ब्राह्मण को या योग्य पात्र को दक्षिणा अवश्य देनी चाहिए। अत: इस व्रत को करने से लोक और परलोक दोनों सवर जाते हैं।
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व्रत व पूजा विधि
- योगिनी एकादशी के उपवास की शुरुआत दशमी तिथि की रात्रि से ही हो जाती है।
- व्रती को दशमी तिथि की रात्रि से ही तामसिक भोजन का त्याग कर सादा भोजन ग्रहण करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करें। हो सके तो जमीन पर ही सोएं।
- प्रात:काल उठकर नित्यकर्म से निजात पाकर स्नानादि के पश्चात व्रत का संकल्प लें।
- कुंभ स्थापना कर उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा रख उनकी पूजा करें।
- भगवान नारायण की प्रतिमा को स्नानादि करवाकर भोग लगाएं। पुष्प, धूप, दीप आदि से आरती उतारें।
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- पूजा स्वयं भी कर सकते हैं और किसी विद्वान ब्राह्मण से भी करवा सकते हैं।
- दिन में योगिनी एकादशी की कथा भी जरुर सुननी चाहिए।
- इस दिन दान कर्म करना भी बहुत कल्याणकारी रहता है।
- पीपल के वृक्ष की पूजा भी इस दिन अवश्य करनी चाहिए।
- रात्रि में जागरण करना भी अवश्य करना चाहिए।
- इस दिन दुर्व्यसनों से भी दूर रहना चाहिए और सात्विक जीवन जीना चाहिए।