Varalakshmi Vrat 2020: इस व्रत से होती है सुख-समृद्धि की प्राप्ति, जानें पूजा विधि

Varalakshmi Vrat 2020: इस व्रत से होती है सुख-समृद्धि की प्राप्ति, जानें पूजा विधि

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-31 06:23 GMT
Varalakshmi Vrat 2020: इस व्रत से होती है सुख-समृद्धि की प्राप्ति, जानें पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पवित्र माह सावन अपने अंतिम चरण में है, इस माह में कई व्रत और त्यौहार आते हैं। इनमें से एक है वरलक्ष्मी व्रत, जो सावन के अंतिम शुक्रवार को रखा जाता है। इस वर्ष यह व्रत 31 जुलाई यानी कि आज है। इस दिन मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है, जिससे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और व्यक्ति धनवान होता है।  

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वरलक्ष्मी व्रत का महत्व दीपावली जैसा ही होता है। इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा से विशेष लाभ प्राप्त होता है। सुख-समृद्धि और संपदा की देवी लक्ष्मी भक्तों की दरिद्रता दूर करती हैं वहीं भगवान गणेश हर तरह के विघ्न-बाधाओं को हर लेते हैं।

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सुख और संपन्न्ता
यह व्रत सिर्फ विवाहित महिलाएं ही कर सकती हैं। कुंवारी कन्याओं के लिए यह व्रत करना वर्जित बताया गया है। हालांकि परिवार के सुख और संपन्न्ता के लिए विवाहित पुरुष भी यह व्रत कर सकते हैं। यदि पति-पत्नी दोनों साथ में यह व्रत रखें तो दोगुना फल प्राप्त होता है। व्रत के प्रभाव से जीवन के समस्त अभाव दूर हो जाते हैं। आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं और व्रती के जीवन में धन का आगमन आसान हो जाता है। 

वरलक्ष्मी व्रत से आठ प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। ये हैं श्री, भू, सरस्वती, प्रीति, कीर्ति, शांति, संतुष्टि और पुष्टि। अर्थात् वरलक्ष्मी व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में धन, संपत्ति, ज्ञान, प्रेम, प्रतिष्ठा, शांति, संपन्न्ता और आरोग्यता आती है। इसे करने से सौंदर्य में भी वृद्धि होती है।

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व्रत एवं पूजा विधि
- स्नानाआदि से निवृत्त होने के बाद पूजा घर में साफ आसन पर बैठें। 
- पूजा की चौकी पर साफ लाल कपड़ा बिछाकर माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर रखें। 
- इसके बाद विधि विधान से दोनों की पूजा के बाद माता लक्ष्मी को श्रृंगार के 11 सामान अर्पित करें। 
- पूजा के दौरान लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ जरूर करें, इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
- शाम के समय माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करें, उनको मिठाई का भोग लगाएं।
- इसके बाद आरती करें।
- पूजा के बाद कन्या भोज करें, उनको मिठा भोजन कराएं और कुछ दान भी करें। 

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