उल्टी-दस्त से पीडि़त एक और मरीज भर्ती सर्वे के लिए घर-घर पहुंची मेडिकल टीम

सतना उल्टी-दस्त से पीडि़त एक और मरीज भर्ती सर्वे के लिए घर-घर पहुंची मेडिकल टीम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-01 12:11 GMT
उल्टी-दस्त से पीडि़त एक और मरीज भर्ती सर्वे के लिए घर-घर पहुंची मेडिकल टीम

डिजिटल डेस्क, सतना। मैहर ब्लॉक के डेलहा गांव में उल्टी-दस्त से पीडि़त एक और मरीज को सिविल अस्पताल मैहर में भर्ती कराया गया है। बुधवार को सर्वे के लिए पहुंची मेडिकल टीम ने जब घर-घर जाकर जानकारी ली तो उमेश कोल को भी उल्टी-दस्त होने की बात सामने आई। उसे फौरन सिविल अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज की हालत खतरे से बाहर है। टीम ने गांव का सर्वे कर लोगों को जागरुक किया। इस दौरान मरीजों को ओआरएस के पैकेट भी वितरित किए गए। इतना ही नहीं कुआं, हैंडपंप के साथ बोरिंग में दवाई डलवाई गई। नालियों में भी छिडक़ाव कराया गया। उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त को उल्टी-दस्त के बाद डेलहा निवासी रेशमा कोल की मौत हो गई थी। उसकी मां अनुरूपा (30) और चचेरा भाई अंशू (2) भी डायरिया से पीडि़त हो गए थे, जिनको सिविल अस्पताल मैहर में भर्ती कराया गया था। 
मझगवां के गोड़ान टोला में भी 3 बीमार
उधर मझगवां ब्लॉक के भट्ठन टोला के बाद अब गोड़ान टोला में भी उल्टी दस्त के मरीज मिल रहे हैं। दो दिन में 3 पीडि़तों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगवां में भर्ती कराया गया है। बीएमओ डॉ तरुणकांत त्रिपाठी ने बताया कि 30 अगस्त को सूचना मिलने पर टीम भेजी गई। डायरिया से पीडि़त एक मरीज मिला लेकिन वह अस्पताल आने को तैयार नहीं था। एक घंटे समझाइस के बाद वह अस्पताल आया। बुधवार को भी टीम ने सर्वे किया। 2  और पीडि़त मिले। जिन्हें भर्ती कराया गया है। बताया गया है कि बस्ती के लोग कुएं का गंदा पानी पीकर बीमार हो रहे हैं। 
पीएचई विभाग ने जारी की एडवाइजरी 
दूषित पानी पीने से डायरिया और पीलिया के खतरे की आशंका व्यक्त करते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री रावेन्द्र सिंह ने एडवाइजरी जारी कर लोगों से स्वच्छ पानी पीने की अपील की है। उन्होंने बताया कि हो सके तो उबालकर पानी पीना चाहिए। पीएचई विभाग द्वारा हैंडपंप, बोरिंग और कुआं में जर्मेक्स डाली जाती है जिससे वैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। जिला समन्वयक आत्मप्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि अभियान चलाकर लोगों को स्वच्छ पेयजल के प्रति जागरुक किया जा रहा है। जागरुकता अभियान में अन्य विभाग भी सहयोग करें तो बेहतर परिणाम सामने आएंगे।

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