शीतला अष्टमी 2021: जानें इस दिन का महत्व, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
शीतला अष्टमी 2021: जानें इस दिन का महत्व, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। होली के आठवें दिन उत्तर भारत के अधिकांश घरों में शीतला अष्टमी मनाई जाती है। इस पर्व को बूढ़ा बसोड़ा या लसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन घर में ताज़ा खाना बनाना वर्जित माना जाता है। शीतलाष्टमी जो इस बार 04 अप्रैल 2021, रविवार को पड़ रही है। यह पर्व शीतला माता को समर्पित है। शीतला माता चेचक, हैजा जैसे रोगों से रक्षा करती हैं।
शीतला माता की महिमा का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। शीतला माता के हाथ में झाडू और कलश होता है। माता के हाथ में झाडू होने का अर्थ लोगों को सफाई के प्रति जागरुक करने से होता है। कलश में सभी देवी-देवताओं का वास रहता है। इनका वाहन गर्दभ यानि गधा है। आइए जानते हैं शीतलाष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...
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जानिए शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 4 अप्रैल 2021, सुबह 04 बजकर 12 मिनट से
तिथि समाप्त: 05 अप्रैल 2021, प्रातः 02 बजकर 59 मिनट तक
पूजा मुहूर्त: सुबह 06 बजकर 08 मिनट से शाम 06 बजकर 41 मिनट तक
शीतलाष्टमी पूजा विधि
शीतला अष्टमी के दिन को पूजा के दौरान खास प्रकार के मीठे चावलों का भोग चढ़ाया जाता है। ये चावल गुड़ या गन्ने के रस से बनाए जाते हैं। इन्हें सप्तमी की रात को बनाया जाता है। शीतला माता की पूजा में चांदी के पत्र (चौकोर टुकड़ा) पर शीतला माता का चित्र उकेरा हुआ हो, अर्पित करना चाहिए।
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इस दिन घर की रसोई में हाथ की पांचों अंगुलियों से घी दीवार पर लगाया जाता है। उसके बाद उस पर रोली और चावल लगाकर शीतला माता की आरती गाई जाती है। इसके अलावा घर के पास के चौराहे पर भी जल अर्पित किया जाता है जो स्वच्छता का प्रतीक होता है।