माघ माह के प्रदोष व्रत पर इस विधि से करें पूजा, जानें विधि और मुहूर्त
व्रत माघ माह के प्रदोष व्रत पर इस विधि से करें पूजा, जानें विधि और मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। कुल मिलाकर साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। इस दिन देवों के देव महादेव की विधि विधान से पूजा की जाती है। माना जाता है कि, इस दिन व्रत करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। हालांकि, सोमवार का दिन शंकर जी की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। लेकिन यह भी माना जाता है कि, प्रदोष व्रत में भोलेनाथ की पूजा से उन्हें जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है।
बता दें कि, प्रदोष व्रत दिन के हिसाब से अलग अलग नामों से जाना जाता है, माघ माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत आज यानी कि 19 जनवरी को है। 19 जनवरी को गुरुवार है, इसलिए इस प्रदोष व्रत को गुरुगु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। आइए जानते हैं पूजा की विधि और मुहूर्त...
मुहूर्त
त्रयोदशी प्रारम्भ: 19 जनवरी गुरुवार, दोपहर 01:33 बजे से
त्रयोदशी समापन: 20 जनवरी शुक्रवार, सुबह 10:14 बजे तक
प्रदोष काल- शाम 05:38 बजे से रात 08:19 बजे तक
पूजा विधि
- सुबह सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नानादि से निवृत्त हों।
- साफ वस्त्र धारण करें और भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- भगवान शिव, पार्वती और नंदी को पंचामृत और जल से स्नान कराएं।
- फिर गंगाजल से स्नान कराकर बेल पत्र, गंध, अक्षत, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, भोग, फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं।
- फिर शाम के समय जब सूर्यास्त होने वाला होता है उस समय सफेद वस्त्र धारण करके भगवान शिव की पूजा करें।
- विभिन्न फूलों, बेलपत्रों से शिव को प्रसन्न करें।
- शिव जी की पूजा करते समय शिव पुराण और शिव स्तुति करें।
- शिवजी की पूजा के बाद आरती, भजन करें। इससे शिवजी भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।