प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का संयोग, इस विधि से करें पूजा
व्रत: प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का संयोग, इस विधि से करें पूजा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देवों के देव महादेव यानी कि भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए वैसे तो सालभर कई व्रत किए जाते हैं। वहीं सोमवार का दिन शंकर जी की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। लेकिन माना जाता है कि, मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत में भोलेनाथ की पूजा से उन्हें जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है। नए साल यानी कि जनवरी माह में ये दोनों व्रत एक ही दिन पड़ रहे हैं।
प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का संयोग 30 जनवरी को बन रहा है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, ऐसा योग माघ माह में त्रयोदशी और चतुर्दशी के एक ही दिन होने के चलते संंभव हुआ है। इस दिन कैसे पूजा करना चाहिए और किन मंत्रों का जाप करना चाहिए, आइए जानते हैं। साथ ही जानिए पूजा का मुहूर्त...
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प्रदोष व्रत
आरंभ: 29 जनवरी, रात 8 बजकर 37 मिनट से
समापन: 30 जनवरी शाम 5 बजकर 26 मिनट पर
प्रदोष व्रत 30 जनवरी के दिन रविवार को रखा जाएगा
मासिक शिवरात्रि
आरंभ: 30 जनवरी, रविवार शाम 5 बजकर 27 मिनटसे
समापन: 31 जनवरी, सोमवार 2 बजकर 14 मिनट तक
मासिक शिवरात्रि भी 30 जनवरी के दिन ही मनाई जाएगी
पूजा विधि
- सुबह सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नानादि से निवृत्त हों।
- साफ वस्त्र धारण करें और भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
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- भगवान शिव, पार्वती और नंदी को पंचामृत और जल से स्नान कराएं।
- फिर गंगाजल से स्नान कराकर बेल पत्र, गंध, अक्षत, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, भोग, फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं।
- फिर शाम के समय जब सूर्यास्त होने वाला होता है उस समय सफेद वस्त्र धारण करके भगवान शिव की पूजा करें।
- विभिन्न फूलों, बेलपत्रों से शिव को प्रसन्न करें।
- शिव जी की पूजा करते समय शिव पुराण और शिव स्तुति करें।
- शिवजी की पूजा के बाद आरती, भजन करें। इससे शिवजी भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं।