सपने में पितरों का आना, जानिए क्या है इन सपनों का संकेत

पितृ पक्ष 2021 सपने में पितरों का आना, जानिए क्या है इन सपनों का संकेत

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-21 11:13 GMT
सपने में पितरों का आना, जानिए क्या है इन सपनों का संकेत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्वपन्न शास्त्र के अनुसार हर सपने का अपना एक मतलब होता है सपनों में पितरों को देखना आपकी जिंदगी से जुडे कई तरह के संकेत देते है। पितृ पक्ष में पितरों का श्राध्द, पितृ तर्पण करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पितरों को सपने में देखने का क्या मतलब होते है?

स्वपन्न शास्त्र कहता है कि सपनों में पितरों का दिखाई देना कुछ संकेतों की ओर इशारा करते हैं। पितृ पक्ष में कई लोगों को अपने सपनों में पूर्वजों के आस पास होने का आभास होता है। पितृपक्ष 20 सितम्बर से 6 अक्टूबर तक रहेंगे। आइए जानते हैं सपनों में पितरों को देखने का क्या अर्थ होता है।

सपनों को समझिए स्वपन शास्त्र से

  • कोई आदमी अपने पितरों को खुशहाल देखता है, तो इसका मतलब है कि आपके पितर आपसे खुश हैं।
  • यदि पितृ मिठाई बांटते या खाते नजर आए तो आपके घर में जलद खुशियों की खबर आने वाली है।
  • सपने में यदि पितृ दुखी या नाराज दिखे तो आपके पितृ आपसे प्रसन्न नहीं है।
  • सपने में आपके पितृ आपसे बातचीत करते हैं तो वे आपको भविष्य में घटित होने वाली घटना की ओर संकेत कर रहे हैं।
  • कईयों को सपने में पूर्वज घर के आसपास दिखाई देते हैं, जिसका अर्थ होता है कि पूर्वजों का घर और परिवार से लगाव अभी तक खत्म नहीं हुआ।
  • शास्त्रों के अनुसार ऐसा आभास होने पर गाय को रोजाना दो रोटी खिलानी चाहिए और अमावस्या के दिन भोग लगाना चाहिए।
  • सपने में यदि पूर्वज आपसे कोई वस्तु मांग रहे हैं तो उस वस्तु का दान जरूर करना चाहिए ताकि वो प्रसन्न हो सकें।

पितृ पक्ष में आशीर्वाद देने पृथ्वी पर उतरते है पूर्वज
हिंदू धर्म में ऐसी कई मान्यताएं है कि पितृपक्ष में हमारे पूर्वज पृथ्वी पर आशीर्वाद देने उतरते हैं। गरूड़ पुराण के अनुसार पितृपक्ष में दान से खुश होकर हमारे पूर्वज सपने में हमको आशीर्वाद देने के लिए आते हैं, जिसका संकेत है आपके पूर्वजों ने श्राध्द को ग्रहण कर लिया है। गरूड़ पुराण में लिखा है कि किसी के सपने में मृत परिजन आए तो उसका अर्थ है उनकी आत्मा अब भटक रही है। ऐसे में उनकी आत्मा की शांति के लिए घर में रामायण या गीता का पाठ जरूर करना चाहिए।

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