माघ पूर्णिमा:आज गंगा स्नान के बाद करें ये काम, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

माघ पूर्णिमा:आज गंगा स्नान के बाद करें ये काम, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-08 03:08 GMT
माघ पूर्णिमा:आज गंगा स्नान के बाद करें ये काम, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग में धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है, जो कि इस वर्ष 09 फरवरी रविवार को है। इस तिथि पर स्नान, दान और जप को बहुत पुण्य फलदायी बताया गया है। माना जाता है कि माघी पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान करने से व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं। ऐसी मान्यता है माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगा नदी में स्नान करने आते हैं। इसलिए जो भी माघ पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान करता है उसको सभी तरह के पुण्य लाभ मिलते हैं। 

पुराणों के अनुसार बाकी के महीनों में जप, तप और दान से भगवान विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि वे माघ मास में स्नान करने से होते हैं। माघ पूर्णिमा में शुभ मुहूर्त में पूजन विधि अनुसार करने से बैकुंठ की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस पूर्णिमा का महत्व और शुभ मुहूर्त..

Live Darshan : श्री महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन

शुभ मुहूर्त
तिथि प्रारंभ - 08 फरवरी, सुबह 04 बजकर 03 मिनट से 
तिथि समाप्त -09 फरवरी, दोपहर 1 बजकर 4 मिनट पर

दान का विशेष महत्व
माघ मास की इस पूर्णिमा पर स्नान के आलावा दान का विशेष महत्व है। दान में तिल, गुड़ और कंबल का विशेष पुण्य है। इस दौरान गंगा स्नान करने से इसी जन्म में मुक्ति की प्राप्ति होती है। यही नहीं स्नान के जल में गंगा जल डालकर स्नान करना भी फलदायी होता है। माना जाता है कि माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले लोगों पर श्री कृष्ण की विशेष कृपा होती है। साथ ही भगवान कृष्ण प्रसन्न होकर व्यक्ति को धन-धान्य, सुख-समृद्धि और संतान के साथ मुक्ति का आर्शिवाद प्रदान करते हैं।

भक्ति: मंगलवार को करें करें ये कार्य, मिलेगी हनुमान जी की कृपा

ऐसे करें पूजा
- इस दिन गंगा स्नान करें।
- स्नान के बाद सूर्यदेव को प्रणाम करें।
- ॐ घृणि सूर्याय नमः मन्त्र का जाप करें।
- सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद माघ पूर्णिमा व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद भगवान शिव और विष्णु की पूजा करें।
- पूजा के बाद दान दक्षिणा करें और दान में विशेष रूप से काले तिल प्रयोग करें। 
- काले तिल से ही हवन और पितरों का तर्पण करें।
- अनाज, वस्त्र, फल, बर्तन, घी, गुड़, जल से भरा घड़ा दान करें। ऐसा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलेगी।
- पितरों का श्राद्ध करें। इससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी।
- इस दिन झूठ बोलने से बचें।

Tags:    

Similar News