Kharmas: शुरू हुआ खरमास, एक माह तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य
Kharmas: शुरू हुआ खरमास, एक माह तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में खरमास या मलमास में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाने का विधान है। पंचांग के अनुसार 14 मार्च, रविवार से खरमास शुरू गया है। जो एक महीने अर्थात् मकर सक्रांति 14 अप्रैल 2021 तक रहेगा। इस अवधि को ही खरमास कहा जाता है।
14 मार्च को सूर्य ने कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश किया और 14 अप्रैल 2021 तक यहीं रहेंगे। इसी के साथ एक महीने के लिए सभी तरह के शुभ और मांगलिक काम बंद हो जाएंगे। आइए जानते हैं खरमास के बारे में...
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खरमास
पंचांग के अनुसार सूर्य प्रत्येक राशि में पूरे एक माह के लिए रहता है, जिसके अनुसार पूरे वर्ष भर में 12 महीनों में 12 राशियों में प्रवेश करता है। सूर्य का यह भ्रमण पूरे वर्ष चलता रहता है। इसी कारण वर्षभर में शुभ और अशुभ मुहूर्त परिवर्तित होते रहते हैं। 12 राशियों में भ्रमण करते हुए जब सूर्य गुरु यानी बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करता है, तो खरमास प्रारंभ हो जाता है
क्या-क्या है वर्जित
हिंदू शास्त्रों के अनुसार मलमास या खरमास में सभी तरह के शुभ कार्य जैसे शादी, सगाई, गृह प्रवेश, नए गृह का निर्माण आदि वर्जित होते हैं। इस दौरान सूर्य गुरु की राशियों में रहता है, जिसके कारण गुरु का प्रभाव कम हो जाता है। जबकि शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत आवश्यक होता है। गुरु जीवन के वैवाहिक सुख और संतान देने वाला होता है।
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- खरमास में चारपाई का त्यागकर जमीन पर सोना चाहिए, ऐसा करने से सूर्यदेव की कृपा होती है।
- खरमास में थाली आदि में भोजन नहीं करना चाहिए।
- खरमास के दौरान लोंगों को किसी प्रकार की लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए और नहीं झूठ बोलना चाहिए।
- मान्यता है कि खरमास के दौरान किसी प्रकार के मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- ज्योतिषाचार्य के अनुसार जिस प्रकार श्राद्ध पक्ष में नए और शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। उसी प्रकार खरमास में भी कुछ विशेष कार्यों को वर्जित माना जाता है।