कालाष्टमी: जानें इस व्रत का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
कालाष्टमी: जानें इस व्रत का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर माह में कई सारे व्रत और त्यौहार आते हैं। हिन्दी के वैशाख माह अंग्रेजी माह मई में भी कई महत्वपूर्ण व्रत आते हैं। इन्हीं में से एक है प्रत्येक माह कृष्ण की अष्टमी तिथि को रखा जाने वाला कालाष्टमी व्रत। यह व्रत इस माह 3 मई 2021 सोमवार के दिन रखा जाएगा। भगवान भैरव के भक्तों के लिए कालाष्टमी व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान भैरव अपने भक्तों की हर विपत्ति से रक्षा करते हैं।
शिव पुराण में बताया गया है कि शिवजी हर कण में विराजमान हैं, इस वजह से शिवजी ही इन तीन गुणों के नियंत्रक माने गए हैं। शिवजी को आनंद स्वरूप में शंभू, विकराल स्वरूप में उग्र और सत्व स्वरूप में सात्विक भी पुकारा जाता है। इनकी कृपा से शत्रु बाधा, दुर्भाग्य, राहु-केतु और यहां तक की नकारात्मक शक्तियों से भी मुक्ति प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में...
मई 2021: इस माह में आएंगे ये महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार, देखें पूरी लिस्ट
शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि शुरू: दोपहर 01:39 बजे, 03 मई 2021
अष्टमी तिथि समाप्त: दोपहर 01:10 बजे, 04 मई 2021
ऐसे करें पूजा
- कालाष्टमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहनें।
- पितरों का तर्पण और श्राद्ध करें।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- इस दिन काल भैरव की पूजा कर उन्हें जल अर्पित करना चाहिए।
- पूजा के दौरान भैरव कथा का पाठ करना चाहिए।
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- भगवान शिव-पार्वती की पूजा का भी इस दिन विधान है।
- काल भैरव की पूजा में काले तिल, धूप, दीप, गंध, उड़द आदि का इस्तेमाल करें
- भैरव जी की पूजा के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करें।
अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,
भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!
इस व्रत में क्या करें
- इस व्रत की पूजा रात के समय की जाती है क्योंकि भैरव तांत्रिकों के देवता माने गए हैं।
- इस दिन मां बंगलामुखी का अनुष्ठान भी किया जाता है।
- इस दिन काले कुत्ते को भोजन जरूर कराना चाहिए।
- अपनी क्षमता अनुसार गरीबों में अन्न और वस्त्र का दान करें।
- माना जाता है जो व्यक्ति कालाष्टमी व्रत रखता है उसके सारे कष्ट मिट जाते हैं। इस व्रत को करने से रोगों से भी मुक्ति मिलती है।