अमर है यह दुर्वा, जानें देवताओं को क्यों है प्रिय...
अमर है यह दुर्वा, जानें देवताओं को क्यों है प्रिय...
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगवान गणेश को दुवा अतिप्रिय है। गणपति के पूजन में आवश्यक रूप से दुर्वा का प्रयोग किया जाता है। ऐसा उल्लेख शास्त्रों में मिलता है कि दुर्वा अर्पित करने से गणपति बप्पा शीघ्र प्रसन्न होते हैं। ये बात लगभग सभी जानते हैं, लेकिन दुर्वा के संबंध में और भी कुछ तथ्य हैं जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं। यहां हम आपको इन्हीं के संबंध में बताने जा रहे हैं।
पौराणिक मान्यता के अनुसार
पौराणिक मान्यता के अनुसार जब देवतागण अमृतकलश लेकर जा रहे थे तब कलश से कुछ बूंदें छलककर पृथ्वी पर गिरीं थीं, जिससे यह अमर है एवं पूजन में इसका प्रयोग अति उत्त्म बताया गया है। भागवत पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है। भगवान कृष्ण ने स्वयं कहा है कि जो भी भक्त मेरी पूजा में दुर्वा अर्पित करता है मैं उस पर शीघ्र प्रसन्न होता हूं। एक अन्य मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि यह क्षीरसागर में उत्पन्न हुई थी, जिसकी वजह से देवताओं के पूजन में यह उत्तम मानी जाती है।
प्रसन्न होते हैं अाराध्य अाैर अन्य देवतागण
वाल्मीकी ऋषि और तुलसीदास ने भी इसके महत्व को स्वीकार किया है। दोनों ने ही भगवान विष्णु के साथ गणपति पूजा में इसके महत्व को बताया है। इसे उन मांगलिक पदार्थों के तुल्य माना जाता है जो सामान्यतः पूजन में प्रयोग होते हैं। दुर्वा से पूजन प्रारंभ करने के पूर्व जल देवताओं को अर्पित करने से पुण्यों की प्राप्ति होती है, पापों का नाश होता है और आराध्य प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान शीघ्र ही प्रदान करते हैं।
यहां भी है महत्व
अमृत के गुण होने की वजह से धार्मिक कार्यों में इसका प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है। सिर्फ धार्मिक ही नहीं, सेहत के लिए भी इसे अति उत्तम बताया गया है। आयुर्वेद में इसके औषधिय गुणों के बारे में जानने मिलता है।