मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, जानें झाड़ू के ये नियम
मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, जानें झाड़ू के ये नियम
डिजिटल डेस्क। कार्तिक माह का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है, इस माह कई सारे व्रत और त्योहार आते हैं। इनमें से सबसे बड़ा त्योहार है दीपावली। दीपावली का संबंध माता महालक्ष्मी जी से है, जो ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री हैं। लक्ष्मीजी को साफ सफाई और स्वच्छता पसंद है, इसलिए लक्ष्मीपूजन के दिन झाड़ू के पूजन का भी विशेष महत्व है।
पंडित सुदर्शन शर्मा शास्त्री के अनुसार झाड़ू को भी लक्ष्मीजी का स्वरूप माना जाता है। देवी शीतला के हाथ में भी सुपड़ा और झाड़ू होता है। इस प्रकार झाड़ू का महत्व, लक्ष्मीजी की प्रसन्नता के लिए हमेशा से रहा है। लेकिन झाड़ू से संबंधित कुछ नियम हैं यदि उन नियमों का पालन करते हैं तो ही लक्ष्मीजी की कृपा दृष्टि बनेगी अन्यथा वो रूष्ट भी हो सकती हैं। आमतौर पर दीपावली पर लक्ष्मी पूजन में नए झाडू की पूजा करते हैं। वैसे गृहप्रवेश के समय भी गैस, मटके के साथ झाडू के पूजन का विधान है। क्या हैं इसके नियम, आइए जानते हैं...
कब लाएं झाड़ू ?
- नई झाड़ू खरीदने के लिए अमावस्या, मंगलवार, शनिवार तथा रविवार अच्छे दिन माने जाते हैं। कृष्णपक्ष में झाड़ू खरीदना शुभ होता है।
कितनी झाडू लायें ?
- कभी भी केवल एक झाड़ू न लें, झाड़ू हमेशा जोड़ी में ही लेना चाहिए इसलिए कम से कम दो और अधिक से अधिक तीन झाड़ू लेना चाहिए।
पुरानी झाड़ू कब नहीं फेंकना चाहिए ?
- गुरूवार, एकादशी, पूर्णिमा, मंगलवार को पुरानी झाड़ू कभी भी घर के बाहर नहीं फेंकना चाहिए।
नई झाड़ू का उपयोग किस दिन करना चाहिए ?
- शनिवार को पुरानी झाड़ू को बदलना अच्छा होता है।
घर में झाड़ू कौन सी दिशा में रखना चाहिए ?
- आमतौर पर उत्तर दिशा झाड़ू रखना उत्तम माना जाता है।
झाड़ू लगाने का सबसे उत्तम समय क्या है?
- सुबह सबसे पहले झाड़ू लगाना चाहिए उसके बाद ही अन्य कोई कार्य करें।
घर में किस जगह पर झाड़ू नहीं रखना चाहिए ?
- भोजन कक्ष तथा डायनिंग रूम में कभी झाड़ू नहीं रखना चाहिए।
- बेडरूम में भी झाड़ू नहीं रखना चाहिए इससे दांपत्य जीवन में तनाव बढ़ता है।
किस समय झाड़ू नहीं लगाना चाहिए ?
- यदि घर का मुख्य व्यक्ति किसी खास काम से घर से बाहर गया है तब उसके पीछे से झाड़ू नहीं लगाना चाहिए ऐसा करने से जिस कार्य के लिए वह गया है उसमें बाधा आती है।
- घर में कोई पूजा या अनुष्ठान प्रारंभ है तब उस पूजन के बीच में वहां झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। कपड़े से उसे स्वच्छ कर सकते हैं।
- सूर्यास्त के बाद भी आमतौर पर झाड़ू नहीं लगाना चाहिए या जितना जरूरी है उतनी जगह ही झाड़ू लगाएं।
झाड़ू के कुछ सर्वसाधारण नियम हैं
- झाड़ू हमेशा स्वच्छ साफ सुथरी और साबूत होनी चाहिए, टूटी फूटी और आधी झाड़ू से दरिद्रता बढती हैं।
- झाड़ू को हमेशा छुपा कर रखना चाहिए, यदि इसे ढक कर रखें तो और अच्छा होता है।
- झाड़ू को कभी भी खड़ा करके नहीं रखना चाहिए इससे धन टिकता नहीं।
- झाड़ू को कभी भी मुख्यद्वार के पास नहीं रखना चाहिए, इससे घर में नकारात्मकता बढ़ती है। हां, रात में मुख्यद्वार के पास झाड़ू रखा जा सकता हैं।
- झाड़ू पर गलती से भी पैर नहीं रखना चाहिए या उलाघना नहीं चाहिए , इससे लक्ष्मीजी नाराज होती हैं।
- झाड़ू का प्रयोग डंडे के रूप में नहीं करना चाहिए। इससे केवल कचरा ही साफ करें।
- किसी जानवर को भी झाड़ू से नहीं मारना चाहिए, वह भी अशुभ होता है।
इस प्रकार लोकमान्यता के अनुसार झाड़ू का महत्वपूर्ण स्थान हमारे घर में है।इन नियमों का पालन कर भी हम लक्ष्मीजी को प्रसन्न कर सकते हैं।
साभार: पं. सुदर्शन शर्मा शास्त्री, अकोला