होली 2020: बरसाना में आज लड्डू फेक होली के साथ होगी महोत्सव की शुरुआत
होली 2020: बरसाना में आज लड्डू फेक होली के साथ होगी महोत्सव की शुरुआत
डिजिटल डेस्क, बरसाना। रंगों का त्यौहार होली आने को है, इस त्यौहार को वैसे तो पूरे देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन श्री कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में इसका अलग ही महत्व है। इसकी शुरुआत बरसाने से होती है, जहां फाल्गुन शुक्लपक्ष अष्टमी को लड्डू फेक होली खेली जाती है। इस बार यह शुरुआत 3 मार्च मंगलवार यानी कि आज से होने जा रही है। यहां रंग वाली होली से पहले लड्डू, फूल और छड़ी वाली होली भी मनाई जाती है।
इसके बाद होली के इस त्योहार को गोकुल, वृंदावन और मथुरा में भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण और नंद गांव में मौजूद उनके सखाओं ने बरसाना में होली खेलने का न्योता स्वीकर किया था। इस बात का जश्न लड्डुओं के साथ मनाया गया था। इसी कारण से इस उत्सव को लड्डू होली (लड्डू होली) कहा जाता है। क्या है इसके पीछे की कहानी आइए जानते हैं...
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परंपराओं के अनुसार
आज के दिन बरसाना में भक्तों पर अबीर-गुलाल की तरह लड्डू होली खेली जाती है। ये विश्व प्रसिद्ध लठामार होली से पहले मिठास घोलती है। नंदगांव से होली खेलने के लिए बरसाना आने का आमंत्रण स्वीकार ने की परंपरा इस होली से जुड़ी हुई है। हिन्दू धर्म के अनुसार लड्डू होली की परंपरा से द्वापर युगीन परंपरा से रोचक किस्सा जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि द्वापर में बरसाने से होली खेलने का आमंत्रण लेकर सखी नंदगांव गई थीं। होली के इस न्योते (आमंत्रण) को नन्दबाबा ने स्वीकार किया और इसकी खबर अपने पुरोहित (पांडे) के माध्यम से बरसाना में बृषभान जी के यहां भेजी।
इस पर बाबा बृषभान ने नन्दगांव से आये पुरोहित (पांडे) को खाने के लिए लड्डू दिए। इसके बाद बरसाने की गोपियों ने पांडे के गालों पर गुलाल लगा दिया। पांडे के पास गुलाल नहीं था तो वह खाने के लिए दिए गए लड्डुओं को ही गोपियों के ऊपर फेंकने लगा। तभी से यह लीला लड्डू होली के रूप में विस्तृत रूप लेती चली गयी।
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ऐसे मनाते हैं लड्डू फेक होली
देश-विदेश से आए लाखों भक्त राधा रानी के द्वार पर इस होली का आनंद लेते नजर आते हैं। अबीर-गुलाल के साथ हजारों टन लड्डू से यहां होली (होली) खेली जाएगी। श्रद्धालू छोटी-छोटी पन्नियों में लड्डू को पैक कर एक-दूसरे पर फेंकते हैं। सबसे पहले मंदिर में मौजूद से सेवायत भक्तों पर पहले लड्डू फेंकते हैं फिर भक्त अपने साथ लाए लड्डुओं को एक-दूसरे पर मारते हैं। इसके बाद गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं एक दूसरे को दी जाती हैं।