हनुमान जयंती : भगवान शिव का 11 वां रूद्र अवतार माने जाते हैं हनुमान

हनुमान जयंती : भगवान शिव का 11 वां रूद्र अवतार माने जाते हैं हनुमान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-16 08:31 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाबली हनुमान का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा को मंगलवार के दिन हुआ था, इसलिए हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस बार हनुमान जयंती 19 अप्रैल, शुक्रवार को है। कहा जाता है कि हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भगवान राम की भक्ति भी करनी चाहिए। हनुमान जी ने अपना जीवन को श्रीराम को समर्पित किया है। ये अमर और चिरंजीवी है। इनकी भक्ति करने से मनुष्य को शक्ति और समर्पण प्राप्त होता है। इस दिन हनुमान जी सभी भक्तों की मुरादें पूरी करते हैं।

शिव का 11 वां रूद्र अवतार
महावीर हनुमान को महाकाल शिव का 11वां रुद्रावतार माना गया है। उन्होंने अपना जीवन केवल अपने भगवान राम और माता सीता की सेवा के लिए समर्पित किया है। हिंदू मान्यता के अनुसार हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस दिन हनुमान जी के सभी मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। बजरंग बली के दर्शन और पूजा से ही लोगों की परेशानियां दूर हो जाती हैं।

जन्म कथा
पुराणों के अनुसार समुद्रमंथन के बाद शिव जी ने भगवान विष्णु का मोहिनी रूप देखने की इच्छा प्रकट की। उन्‍होंने देवताओं और असुरों को अपना यह रूप दिखाया था। उनका वह आकर्षक रूप देखकर वह कामातुर हो गए, और उन्होंने अपना वीर्यपात कर दिया। वायुदेव ने शिव जी के बीज को वानर राजा केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया और इस तरह अंजना के गर्भ से वानर रूप हनुमान का जन्म हुआ, इसलिए उन्हें शिव का 11 वां रूद्र अवतार माना जाता है।

इन नामों से भी जाने जाते हैं हनुमान
वानरराज केसरी और माता अंजना के पुत्र हनुमान को मारुति, बजरंगबली, केसरीनंदन, पवनसुत, पवनकुमार, महावीर, बालीबिमा, मरुत्सुता, अंजनीसुत, संकट मोचन, अंजनेय, रुद्र आदि नाम से भी जाना जाता है।

ऐसे करें पूजा
हिंदू मान्यता के अनुसार हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाया जाता है। पूजन विधि के दौरान सीधे हाथ की अनामिका उंगली से हनुमान जी की प्रतिमा को सिंदूर लगाया जाता है। हनुमान जी को चमेली की खुश्बू या तेल और लाल फूल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। अगरबत्ती को अंगूठे और तर्जनी के बीच पकड़कर, मूर्ती के सामने 3 बार घड़ी की दिशा में घुमाकर हनुमान जी की पूजा करना चाहिए।

हनुमान जी के सामने किसी भी मंत्र का जाप कम से कम 5 बार या 5 के गुणांक के बार करना चाहिए। इसके अलावा हनुमान जी की कृपा पाने के लिए 11 लडडू चढ़ाने चाहिए। हनुमान जी पर जल चढ़ाने के बाद पंचामृत चढ़ाना भी अच्छा होता है। इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड आदि का पाठ किया जाता है। 

पूजा मुहुर्त

पूर्णिमा तिथि आरंभ – 18 अप्रैल 2019 को शाम 07:26 बजे से

पूर्णिमा तिथि समाप्त – 19 अप्रैल 2019 को शाम 04:41 बजे तक

इन मंत्रों का करें जाप 
भय दूर करने के लिए ये मंत्र
ॐ हं हनुमते नम:।। 
सभी बाधाओं से मुक्ति पाने द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।। 
मनोकामना पूरी करवाने के लिए ये मंत्र
महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। 
हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।। 

शत्रुओं पर विजय पाने के लिए 
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।। 

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