गंगा सप्तमी: लॉकडाउन में इस उपाय से मिलेगा गंगा स्नान का पुण्य, जानें इसके बारे में

गंगा सप्तमी: लॉकडाउन में इस उपाय से मिलेगा गंगा स्नान का पुण्य, जानें इसके बारे में

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-30 03:58 GMT
गंगा सप्तमी: लॉकडाउन में इस उपाय से मिलेगा गंगा स्नान का पुण्य, जानें इसके बारे में

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में गंगा नदी को मां की उपमा दी गई है। कहा जाता है कि गंगा नदी में डुबकी लगाने से सभी पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां गंगा का अवतरण हुआ था। मान्यता है कि ऋषि भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा धरती पर आईं थीं। इसलिए इस दिन गंगा पूजन भी की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार गंगा सप्तमी 30 अप्रैल यानी कि आज है। इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व माना जाता है

परंतु इस बार कोरोना वायरस के कारण संपूर्ण देश में लॅाकडाउन चल रहा है जिस वजह से इस बार गंगा जी में स्नान करना संभव नहीं है। लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं, शास्त्रों में ऐसी स्थितियों में भी पुण्यलाभ लेने का विधान बताया गया है। इसके लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, आइए जानते हैं उन उपायों और गंगा सप्तमी के बारे में...

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करें ये उपाय
दरअसल, जब कोई व्यक्ति किसी कारणवश गंगा नदी तक नहीं जा सकता, तो ऐसी स्थिति में वह घर पर रहकर भी पुण्यफल प्राप्त कर सकता है। इसके लिए घर में ही स्नान वाले जल में थोड़ा सा गंगा जल मिला कर स्नान करें। स्नान करते समय गंगा का ध्यान करें। ऐसा करने से आपको नदी में स्नान का फल प्राप्त होगा।

इनकी भी होती है पूजा
इस दिन गंगा को धरती पर लाने वाले भगीरथजी की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है। उसके बाद लोगों में प्रसाद वितरित किया जाता है। यही नहीं भगवान शिव की आराधना भी इस दिन शुभ फलदायी मानी जाती है। गंगा पूजन के साथ-साथ दान-पुण्य करने का भी फल मिलता है। इस दिन किसी गरीब जरूरतमंद को अनाज, फल और मिष्‍ठान का दान करना चाहिए। हो सके तो कुछ दक्षिणा भी देनी चाहिए।

लॉकडाउन में रोगों से मुक्ति दिलाएगा ये उपाय
- इस दिन अपने स्नान के जल में एक चम्मच गंगा जल मिलाकर स्नान करने से रोगों से मुक्ति मिलती है।
- गंगाजल में विभिन्न तरह की औषधियां और वनस्पतियों के गुण मौजूद हैं। ऐसे में गंगाजल को अमृतकारी माना जाता है।

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- एक तांबे का लोटा लेकर उसमें गंगाजल भर लें। इसके बाद एक कुशा के आसन पर बैठकर गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करने से भी रोगों से मुक्ति मिलती है। 
- जाप के बाद घर का हर सदस्य एक चम्मच गंगाजल ग्रहण करना चाहिए। खासतौर पर 
बच्चों और बुजुर्गों को गंगाजल देना चाहिए। 
- बाकी गंगाजल से अपने घर में छिड़काव कर दें।

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