सेवइयां खाने के लिए हो जाएं तैयार, भारत में कल मनाई जाएगी ईद

ईद-उल-फितर 2023 सेवइयां खाने के लिए हो जाएं तैयार, भारत में कल मनाई जाएगी ईद

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-21 11:33 GMT
सेवइयां खाने के लिए हो जाएं तैयार, भारत में कल मनाई जाएगी ईद

डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारत त्यौहारों का देश है, यहां विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं, ऐसे में सभी धर्म के लोग मिल- जुल कर त्यौहार मनाते हैं। फिलहाल, मुस्लिम समुदाय के सबसे बड़े पर्व में से एक ईद-उल-फितर का समय है। इस्लाम धर्म में इस ईद को पवित्र रमजान के पूरे महीने रोजे अर्थात उपवास रखने के बाद मनाया जाता है। इस दिन विश्व भर के मुसलमान सुबह मस्जिदों में विशेष इबादत करते हैं। इस ईद को ईद-उल-फितर के अलावा कुछ लोग मीठी ईद के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार पर खासतौर पर सेवईयां और कई मिठाइयां बनाई जाती और बांटी जाती हैं।

आपको बता दें कि, ईद मनाने की तारीख चांद दिखने के हिसाब से ही तय होती है। जिस दिन चांद दिखता है उस दिन लोग एक दूसरे को चांद मुबारक कहकर बधाई देते हैं। इस बार 20 अप्रैल को चांद दिखने की उम्‍मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में भारत में इस वर्ष यह पर्व शनिवार 22 अप्रैल को मनाए जाने की उम्मीद है। 

शुक्रवार को क्यों नहीं मनाई ईद
भारत में 20 अप्रैल को चांद नहीं दिखा, लेकिन एक और बड़ा कारण है जिसके चलते यहां शुक्रवार को ईद नहीं मनाई गई। दरअसन, इस दिन भारत में 29वां रोजा है और ईद 29 या 30 रोज़े पूरे करने के बाद ही मनाई जा सकती है। बता दें कि, 30 दिनों तक सभी एक साथ इफ्तारी और सेहरी करते हैं। ईद की नमाज दुगाना अदा करने के बाद एक दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाई देते हैं। 

ईद जुमे की नमाज
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शव्वाल दसवां महीना होता है, जिसमें ईद मनाई जाती है और नौवा महीना, जिसमें रोजे रखे जाते हैं। इस वजह से नौवां महीना खत्म होने के बाद जो ईद का चांद दिखाई देता है, उसे शव्वाल का चांद कहते हैं। 

तारीख अलग होने के बावजूद समानता
दुनिया भर में ईद की तारीखें अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन सभी जगह ईद चांद देखकर ही मनाई जाती है। बिना चांद देखे ईद का त्योहार अधूरा सा होता है। दुनिया भर के देशों में मौसम के हिसाब से चांद की दशा अलग होती है। इस वजह से हर देश में चांद के दिखाई देने का समय अलग होता है, लेकिन सभी जगह ईद साथ में ही मनाई जाती है। ज्यादातर देशों में ईद के त्योहार में 24 घंटे से ज्यादा अंतर नहीं होता। बता दें इस विशेष त्योहार के लिए कई कमेटियों का गठन किया जाता है, जो चांद देखने के लिए जिम्मेदार होती हैं। 

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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