जानें इस दिन का महत्व, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
दशहरा 2021 जानें इस दिन का महत्व, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा और आराधना की जाती है। शारदीय नवरात्रि के समापन के साथ ही दशमीं तिथि को दशहरा (Dussehra) का पर्व मनाया जाता है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है। हिन्दू पंचाग के अनुसार, आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को यह पर्व आता है। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, इस साल दशहरा 15 अक्टूबर, शुक्रवार को है।
दशहरे का दिन साल के सबसे पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। इस दिन किसी भी नए काम की शुरुआत के लिए ये दिन उत्तम होता है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। इसलिए इसे विजया दशमी के रूप में भी मनाते हैं। आइए जानते हैं विजयादशमी पर्व aका पूजा मुहूर्त...
मां दुर्गा इसलिए धारण करती हैं अस्त्र-शस्त्र, जानें रहस्यमयी घटना के बारे में
विजया दशमी पूजा मुहूर्त
विजय मुहूर्त: 15 अक्टूबर, शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 1 मिनट से 2 बजकर 47 मिनट तक
कुल अवधि: 46 मिनट की है।
पूजा का शुभ मुहूर्त: दोपहर 1 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 33 मिनट तक
विजय मुहूर्त का महत्व
इस दिन पूजा के लिए विजय मुहूर्त सबसे शुभ माना गया है। इसको लेकर
मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने रावण को हराने के लिए इसी मुहुर्त में युद्ध का प्रारंभ किया था। ऐसे में आज के दिन शस्त्रों की पूजा भी की जातर है।
नवरात्रि में सोलह श्रृंगार का है विशेष महत्व, जानिए मां दुर्गा के प्रत्येक श्रृंगार का रहस्य
पूजा विधि
विजया दशमी के दिन सुबह सूर्योदय के पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त हों।
इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा की जाती है।
दोनों की पूजा से जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
देवी देव की पूजा के अलावा शास्त्रों की भी पूजा करें।
शस्त्रों को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।
सभी शस्त्रों पर हल्दी या कुमकुम का तिलक लगाएं और पुष्प चढ़ाएं।