Durga Navami 2020: आज करें मां सिद्धिदात्री की आराधना, इस मंत्र का करें जाप
Durga Navami 2020: आज करें मां सिद्धिदात्री की आराधना, इस मंत्र का करें जाप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है। इस दौरान नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की विधि विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। नवदुर्गा के सिद्धि और मोक्ष देने वाले स्वरूप को सिद्धिदात्री कहते हैं। इस वर्ष यह पूजा आज यानी गुरूवार 02 अप्रैल को करें।
माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों को समस्त प्रकार की सिद्धियां प्रदान करती हैं। इतना ही नहीं, मां सिद्धिदात्री शोक, रोग एवं भय से मुक्ति भी देती हैं। सिद्धियों की प्राप्ति के लिए मनुष्य ही नहीं, देव, गंदर्भ, असुर, ऋषि आदि सभी इनकी पूजा करते हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव भी इनके आराधक हैं।
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स्वरूप
देवी सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान हैं और वे हाथों में कमल, शंख, गदा, सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं। सिद्धिदात्री देवी सरस्वती का भी स्वरूप हैं, जो श्वेत वस्त्रालंकार से युक्त महाज्ञान और मधुर स्वर से अपने भक्तों को सम्मोहित करती हैं।
ऐसे हुई प्रकट
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्माण्ड के प्रारंभ में भगवान रूद्र ने देवी आदि पराशक्ति की आराधना की। ऐसी मान्यता है कि देवी आदि पराशक्ति का कोई स्वरूप नहीं था। शक्ति की सर्वशक्तिमान देवी आदि पराशक्ति सिद्धिदात्री स्वरूप में भगवान शिव के शरीर के बाएं भाग पर प्रकट हुईं।
माक्ष की प्राप्ति
जो भक्त नवरात्रों का व्रत कर नवमीं पूजन के साथ समापन करते हैं, उन्हें इस संसार में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन दुर्गासप्तशती के नवें अध्याय से मां का पूजन करें। नवरात्र में इस दिन देवी सहित उनके वाहन, सायुज यानी हथियार, योगनियों एवं अन्य देवी देवताओं के नाम से हवन करने का विधान है इससे भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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ग्यारह निधि
माना जाता है कि माता की आराधना से साधक को सभी ग्यारह निधियां प्राप्त होती हैं। 11 विधि में अणिमा, लधिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसायिता, दूर श्रवण, परकामा प्रवेश, वाकसिद्ध और अमरत्व भावना सिद्धि आदि समस्त सिद्धियों एवं नव निधियों की प्राप्ति होती है।
मंत्र
ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥